Rajasthan

Asia largest marble and granite market is located in Kishangarh – News18 हिंदी

अंकित राजपूत/रिपोर्टर जयपुर.राजस्थान को धोरों की धरती कहा जाता हैं. लेकिन यहां के पत्थर भी हीरे-मोती और सोने की तरह चमकते हैं. देश दुनिया में कही भी मंदिर या कोई भव्य इमारत बने यहां के पत्थर जरूर उपयोग किए जाते हैं. ऐसे ही जयपुर से 100 किलोमीटर दूर स्थित किशनगढ़ कस्बा जिसे एशिया का सबसे बड़ा मार्बल ग्रेनाइट मंडी के नाम से जाना जाता हैं. यहां मार्बल और ग्रेनाइट का भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है. जिसकी डिमांड पुरी दुनिया में रहती हैं. किशनगढ़ मंडी विशाल क्षेत्रफल में फैली हुई है. जहां सैकड़ों की संख्या में मार्बल और ग्रेनाइट की फैक्ट्रियां है. जहां खदानों से निकलने वाले पत्थरों को हिरे की तरह तराशा जाता है. यहां हर दिन करोड़ों रूपए का व्यापार होता हैं और साथ ही हज़ारों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होता हैं.

राजस्थान के हर जिले में कुछ न कुछ खास होता हैं. चाहे किसी प्रकार की धातु हो या पत्थर जो बेहद कीमती होता हैं. ऐसा ही राजस्थान के मकराना, पाली, जालोर, राजसमंद, भीलवाड़ा और जोधपुर में सबसे ज्यादा किमती पत्थर खदानों से निकाले जाते हैं. उन्हें तराशने के लिए बड़ी-बड़ी फेक्ट्रीयों तक पहुंचाया जाता है. ऐसा ही मार्बल और ग्रेनाइट के लिए किशनगढ़ सबसे फेमस जगह हैं. यहां रोजाना हजारों टन पत्थरों की मशीन से घिसाई कर उसे तराशा जाता हैं. यहां मार्बल और ग्रेनाइट खरीदने लोग पूरे भारत से आते हैं. विशेष रूप से मार्बल और ग्रेनाइट का उपयोग सबसे ज्यादा घरों, दुकानों और अन्य बड़े भवनों में फर्स के रूप में किया जाता हैं.

करोड़ों की मशीन से होती हैं किमती पत्थरों की कटाई
किशनगढ़ में एक ही जगह पर सैकड़ों फेक्ट्रीयां हैं. यहां बड़ी-बड़ी मशीनों से पत्थरों की कटाई और उन पर पोलिश का काम किया जाता है. यहां की मंडी में मार्बल और ग्रेनाइट का पत्थर हर समय उपलब्ध रहता हैं. जिनकी किमत अलग-अलग होती हैं. यहां सामान्य रूप से मार्बल और ग्रेनाइट की कीमत 50 रुपए फिट के हिसाब से शुरू होती है, जो हजारों रुपए तक जाती हैं. यहां तराशे गए इन मार्बल और ग्रेनाइट की चमक भी सबसे बेहतरीन होती हैं. जो वर्षों तक बरकरार रहती हैं. इस मार्बल मंडी के कारण यहां ट्रांसपोर्ट से लेकर मजदूरी करने वाले हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होता है. यहां तराशा गया मार्बल और ग्रेनाइट की डिमांड अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दुबई तक होती हैं. इसके साथ ही यहां मार्बल की मूर्तियां, सजावटी मार्बल के सामानों को भी भारी मात्रा-मात्रा तैयार किया जाता है.

Tags: Jaipur news, Latest hindi news, Local18, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj