एक समय में घर के गुजारे के लिए भी नहीं थे पैसे…महिला ने इस चीज की ली ट्रेनिंग…आज 11 लोगों को दे रही हैं रोजगार

Last Updated:March 21, 2025, 15:07 IST
Success Story: आज के समय में महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, यदि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो वे भी सफल उद्यमी बन सकती हैं. ऐसा ही एक उदाहरण हैं भरतपुर जिले की गोला देवी, जिनके पास घर चलाने तक के पैसे नहीं थे, ले…और पढ़ेंX
भरतपुर की गोल देवी
हाइलाइट्स
गोला देवी ने टेराकोटा उत्पादों का व्यवसाय खड़ा कियागोला देवी 11 महिलाओं को रोजगार दे रही हैंउनके उत्पाद दिल्ली, जयपुर, जोधपुर आदि में बिकते हैं
भरतपुर:- महिलाएं यदि ठान लें, तो क्या कुछ नहीं कर सकतीं. ऐसे में आज हम आपको ऐसी ही एक भरतपुर की महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पहले मिट्टी के बर्तन और दीये बनाकर अपना गुजारा करती थीं, लेकिन आजीविका समूह से जुड़ने के बाद न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली, बल्कि आज वह 11 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं. ये हैं, नदबई के बरौलीरान गांव की रहने वाली गोला देवी, जिनकी कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. कभी साधारण मिट्टी के बर्तन और दीये बनाने वाली गोला देवी ने आज अपनी मेहनत और लगन से टेराकोटा उत्पादों का व्यवसाय खड़ा कर लिया है. आज उनके बनाए उत्पादों की मांग अब केवल भरतपुर तक सीमित नहीं रही, बल्कि दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उत्तर प्रदेश सहित कई शहरों में है, तो चलिए जानते हैं कैसे गीता देवी ने शुरू किया ये व्यवसाय
आजीविका समूह से जुड़कर ली ट्रेनिंगआपको बता दें, गोला देवी पहले मिट्टी के पारंपरिक बर्तन बनाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती थीं, लेकिन यह काम बहुत अधिक लाभदायक नहीं था, आर्थिक स्थिति कमजोर थी जिससे परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा था. दो साल पहले जब उन्होंने आजीविका समूह का हिस्सा बनने का निर्णय लिया, तब उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया. आजीविका समूह से जुड़ने के बाद उन्हें टेराकोटा से गमले, मूर्तियां, फ्लावर स्टैंड, और अन्य सजावटी वस्तुएं बनाने की ट्रेनिंग मिली. जिसके बाद उनकी जिंदगी बदली.
11 महिलाओं को दे रहीं रोजगारआपको बता दें इस प्रशिक्षण ने उनकी कला को एक नई पहचान दी, जिससे उनकी आमदनी बढ़ने लगी. टेराकोटा व्यवसाय में सफल होने के बाद गोला देवी ने इसे केवल अपनी आजीविका तक सीमित नहीं रखा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी इस काम में शामिल किया. आज उनके साथ 11 महिलाएं काम कर रही हैं, जो हर महीने 5,000 से 7,000 रुपये कमा रही हैं. इससे न केवल उनकी खुद की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है.
भरतपुर ही नहीं कई शहरों में उत्पाद की है डिमांडगोला देवी ने लोकल 18 को बताया, कि उनके बनाए उत्पादों की मांग अब केवल भरतपुर तक सीमित नहीं रही, बल्कि दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उत्तर प्रदेश सहित कई शहरों में उनके उत्पादों की बिक्री हो रही है. वे बताती हैं, कि आजीविका समूह की सहायता से उन्हें बड़े शहरों में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने का अवसर मिला, जिससे उनकी कला को नई पहचान मिली है. आगे उन्होंने बताया, कि पहले जहां ये महिलाएं केवल घर के कामों तक सीमित थीं, लेकिन अब वे अपने हुनर से न केवल कमाई कर रही हैं, बल्कि अपने परिवार को आर्थिक रूप से संबल भी प्रदान कर रही हैं. गोला देवी का यह सफर उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखती हैं.
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
March 21, 2025, 15:07 IST
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मिट्टी के बर्तन बेचती थी महिला, फिर ली इसकी ट्रेनिंग, आज 11 को दे रहीं रोजगार