14 की उम्र में फूंकी थी बगावत की चिंगारी, आज 21,000 बच्चियों की मसीहा बन गई ये महिला!

Last Updated:April 18, 2025, 16:43 IST
उषा चौधरी ने 14 साल की उम्र में बाल विवाह को रोका और बाल विवाह विरोधी मुहिम शुरू की. अब तक उन्होंने 21,000 से अधिक बाल विवाह रोके और 10,000 से ज्यादा बच्चियों को शिक्षा और आत्मनिर्भरता की राह दिखाई.X
ऊषा चौधरी
निशा राठौड़/उदयपुर- राजस्थान के उदयपुर की उषा चौधरी की कहानी उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई का सामना कर रही हैं. महज 14 साल की उम्र में जब परिवार ने उनका विवाह तय कर दिया, तो उन्होंने इस परंपरा के आगे झुकने से इनकार कर दिया.
मारपीट और सामाजिक दबावउषा का यह फैसला आसान नहीं था. उन्हें विरोध के चलते मारपीट, ताने और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह डटी रहीं. आखिरकार उन्होंने न केवल अपना बाल विवाह रुकवाया, बल्कि एक नई राह पर चल पड़ी.
बाल विवाह के खिलाफ एक महिला की जंगबाल विवाह के खिलाफ इस संघर्ष को ही उषा ने अपना मिशन बना लिया. उन्होंने एक संगठन के माध्यम से अभियान शुरू किया, जिसके तहत अब तक 21,000 से अधिक बाल विवाह रुकवाए जा चुकी हैं.
10,000 बच्चियों को मिला नया जीवनउषा सिर्फ बाल विवाह ही नहीं रोक रही हैं, बल्कि घरेलू हिंसा, सामाजिक बेड़ियों और अशिक्षा से जूझ रही बच्चियों को भी नया जीवन दे रही हैं. अब तक 10,000 से ज्यादा बच्चियों को शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया है.
‘अगर तब हिम्मत नहीं की होती…’उषा कहती हैं, ‘अगर मैंने 14 की उम्र में हिम्मत नहीं की होती, तो आज मैं भी किसी और बच्ची की तरह घुटती जिंदगी जी रही होती.’ उनकी यह हिम्मत अब हजारों बच्चियों के जीवन की दिशा बदल रही है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 18, 2025, 16:43 IST
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14 की उम्र में फूंकी थी बगावत की चिंगारी, आज 21,000 बच्चियों की मसीहा बन गई ये