Rajasthan

Air Pollution Increasing Paralytic Disease – बड़ा संकट, वायु प्रदूषण से बढ़ रही लकवे की बीमारी

वायु प्रदूषण अब न्यूरोलोजिकल बीमारी लकवे का भी बड़ा कारण बन रहा है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिजेज, आइसीएमआर एवं देश के प्रमुख न्यूरोलॉजी संस्थाओं के हाल ही में लैंसेंट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक पेपर के मुताबिक लकवे के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप और प्रदूषण है।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर. वायु प्रदूषण अब न्यूरोलोजिकल बीमारी लकवे का भी बड़ा कारण बन रहा है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिजेज, आइसीएमआर एवं देश के प्रमुख न्यूरोलॉजी संस्थाओं के हाल ही में लैंसेंट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक पेपर के मुताबिक लकवे के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप और प्रदूषण है। जबकि वसायुक्त भोजन, डायबिटीज, मोटापा और धूम्रपान अन्य प्रमुख कारण हैं।

जर्नल में प्रकाशित इस पेपर में देश के सभी राज्यों में नॉन कम्युनिकेबल न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की संख्या पर अध्ययन कर उनके आंकड़े भी जारी किए गए हैं। इसके अनुसार राजस्थान में न्यूरो से संबंधित बीमारियों का औसत देश के औसत से कम है। मिरगी का प्रमुख कारण शराब सेवन, अल्जाइमर्स, पार्र्किंसंस और मल्टीपल स्कलवोसिस का प्रमुख कारण धूम्रपान है। छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, प.बंगाल और त्रिपुरा में लकवे, केरल में अल्जाइमर्स के मरीज अधिक संख्या में हैं। राजस्थान किसी भी बीमारी के लिहाज से लाल निशान पर नहीं है।

प्रति लाख आबादी पर इतने मरीज
भारत
लकवा 1246
सिरदर्द 606
एपिलेप्सी 374
सेरेबल पल्सी 189
अल्जाइमर्स एवं अन्य 153
ब्रेन एंड सीएनएस कैंसर 73
पार्किंसंस 58
मल्टीपल स्केलेरोसिस 8.1
मोटर न्यूरोन बीमारी 4.2

राजस्थान: अधिकांश बीमारियां देश के औसत से कम
816
607
350
179
134
73
49
8.4
3.6

वायू प्रदूषण हर तरह से खतरनाक

अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ.वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि प्रदूषण के साथ धूल के कण व्यक्ति की सांस के साथ फेफड़ों में प्रवेश करते हैं और वहां से रक्त में पहुंचते हैं। रक्त में यह प्रदूषण कण खून की नलिकाओं की अंदरूनी परत पर असर कर वहां एथरोक्लोसिस की गति को बढ़ा देती हैं। जिसे लकवे का प्रमुख कारण माना जाता है।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj