अक्षय तृतीया पर होते हैं बिना मुहुर्त शुभ कार्य, लेकसिटी भी इसी दिन बसी थी, दुनिया के टॉप शहरों में है शुमार
उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर अपने खूबसूरती की वजह से देश और दुनिया में पहचानी जाती है लेकिन क्या आपको पता है इसकी स्थापना कब की गई थी. आज से करीब 470 वर्ष पूर्व अक्षय तृतीया के मौके पर उदयपुर शहर की नींव यहां के महाराणा उदय सिंह ने रखी थी. यहां के महाराणाओं की कल्पना ही थी कि शहर में झीलों का निर्माण करवाया जाए. इसी की वजह से आज यह शहर झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है.
इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा बताते हैं वर्ष 1559 में उदयपुर के महाराणा उदय सिंह ने एकनाथ बाबा के कहने पर शहर की नींव रखी थी. उसी जगह पर उदयपुर का सिटी पैलेस बनना शुरू हुआ जो आज भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज महल है. शहर के आसपास झीलों का निर्माण कार्य भी शुरू हुआ. अक्षय तृतीया अक्षय के रूप में मानी जाती है जिसकी कभी समाप्ति नहीं होती. धन धन्य से भरपूर रहती है. शहर के आसपास अरावली की वादियां इसे और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती हैं.
देश और दुनिया से आते हैं लाखों पर्यटकउदयपुर के पर्यटन गाइड जीवन सिंह सारंगदेवोत ने बताया यह शहर न सिर्फ अपनी शौर्य गाथाओं के लिए जाना जाता है बल्कि इसकी खूबसूरत बनावट और बसाहट भी खास पहचान रखती है. उदयपुर की झीलें यहां आने वाले पर्यटकों को इटली के वेनिस की याद दिलाती हैं. विभिन्न ट्रैवल कंपनियों ने भी इसे दुनिया के टॉप खूबसूरत शहरों में शामिल किया है.यहां अरावली की खदानों से चांदी की भरपूर मात्रा निकलती है. यहां के महाराणा प्रताप और मीराबाई की गाथा सारी दुनिया जानती है.
उदयपुर का वैभव और पर्यटनअरावली की पहाड़ियों से घिरा और झीलों से भरा उदयपुर शहर हर लिहाज से अद्भुत है. यहां के महल और लग्जरी होटलों में तब्दील हो चुके राजमहल देखने लायक हैं. राजस्थान का ये शहर शौर्य गाथाओं के लिए भी प्रसिद्ध है.
FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 17:26 IST