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Australian PM Anthony Albanese And Donald Trump Jr Private Numbers Leaked On Internet | इंटरनेट पर कभी भी लीक हो सकता है आपका प्राइवेट नंबर! ऑस्ट्रेलियाई पीएम और ट्रंप जूनियर समेत कई बने शिकार

सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के प्राइवेट मोबाइल नंबर एक अमेरिकी वेबसाइट पर पब्लिक कर दिए गए हैं. इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया की विपक्ष की नेता सुसन ले, पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और पूर्व विदेश मंत्री जूली बिशप के नंबर भी उसी वेबसाइट पर लिस्ट किए गए हैं. इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. फेडरल सरकार ने जांच शुरू कर दी है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि वह इस मामले से पूरी तरह अवगत है और संबंधित एजेंसियों को सूचना दी जा चुकी है.

यूएस बेस्ड वेबसाइट से हुआ खुलासा, AI से स्कैन करती है डिटेल्स

यह वेबसाइट अमेरिका में रजिस्टर्ड एक डेटा इंटेलिजेंस कंपनी की बताई जा रही है, जो AI टेक्नोलॉजी की मदद से सोशल मीडिया, जॉब पोर्टल्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से लोगों के कॉन्टैक्ट डिटेल्स स्कैन करती है. वेबसाइट दावा करती है कि उसके डेटाबेस में लाखों लोगों के फोन नंबर और ईमेल एड्रेस हैं, जिन्हें फ्री या पेड सब्सक्रिप्शन के जरिए एक्सेस किया जा सकता है. हालांकि, कंपनी के मुताबिक यूजर अपने डेटा को हटाने के लिए “ऑप्ट-आउट फॉर्म” भर सकते हैं, और 7 दिनों के अंदर जानकारी डिलीट की जा सकती है.

ऑस्ट्रेलिया में मचा हड़कंप, सरकार ने शुरू की जांच

ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्ल्स ने पुष्टि की कि सरकार इस वेबसाइट के बारे में जानती है और प्राइवेसी ब्रेक को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इस स्थिति से अवगत हैं. संबंधित अथॉरिटीज़ को सूचित कर दिया गया है और पूरा मामला वर्क थ्रू हो रहा है.’ वहीं विपक्ष की नेता सुसन ले के ऑफिस ने कहा कि उन्होंने वेबसाइट से अपने नंबर हटाने की मांग की है. उनके प्रवक्ता ने बताया, ‘हमें यह जानकारी तब मिली जब मीडिया ने इस मुद्दे पर संपर्क किया. हमने LinkedIn से भी बात की है ताकि पता चल सके कि यह डेटा वहां से स्क्रैप तो नहीं हुआ.’

LinkedIn ने दी सफाई- कोई डेटा ब्रीच नहीं हुआ

LinkedIn ने साफ किया कि उनके प्लेटफॉर्म पर किसी तरह का डेटा ब्रीच नहीं हुआ है. कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमारी पॉलिसी के मुताबिक, कोई भी थर्ड पार्टी कंपनी हमारे मेंबर्स की जानकारी उनकी अनुमति के बिना इस्तेमाल नहीं कर सकती. यह वेबसाइट हमारे प्लेटफॉर्म से किसी भी तरह जुड़ी नहीं है.’

न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स, जिनका नंबर भी वेबसाइट पर लिस्ट था, ने मजाक में कहा कि अभी तक उन्हें किसी ने ‘प्रैंक कॉल’ नहीं किया. लेकिन उन्होंने भी कहा कि यह डेटा लीक बेहद चिंताजनक है और नागरिकों की निजता पर सीधा हमला है.

2017 में भी हुआ था बड़ा डेटा लीक स्कैंडल

यह पहली बार नहीं है जब ऑस्ट्रेलियाई नेताओं के निजी नंबर लीक हुए हैं. 2017 में संसद की वेबसाइट पर सैकड़ों सांसदों, सीनेटरों और स्टाफ के प्राइवेट नंबर पब्लिश हो गए थे. तब भी सरकार को कड़े साइबरसिक्योरिटी उपायों का वादा करना पड़ा था, लेकिन इस बार का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, जिससे ऑस्ट्रेलिया की डिजिटल सुरक्षा नीति पर फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं.

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के डेटा पर एक साथ हमला

विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना डेटा इंटेलिजेंस कंपनियों की बढ़ती ताकत और ऑनलाइन प्राइवेसी की गिरती सीमाओं का संकेत है. जब AI एल्गोरिदम सोशल मीडिया से डेटा स्क्रैप करने लगे हैं, तो किसी का भी पर्सनल डेटा सुरक्षित नहीं रह जाता.

फिलहाल ऑस्ट्रेलिया की फेडरल एजेंसियां इस वेबसाइट की जांच कर रही हैं, जो खुद को “ग्लोबल बिजनेस डेटा नेटवर्क” बताती है. शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वेबसाइट पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से भी एक गलत नंबर दर्ज है, जिससे उसके डेटा की सटीकता पर भी सवाल उठे हैं.

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