Ayyappa Mandir Bhilwara: केरल जैसा स्वामी अय्यप्पा मंदिर, भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं

Last Updated:May 20, 2025, 21:35 IST
Ayyappa Mandir In Bhilwara: भीलवाड़ा में केरल की तर्ज पर बना स्वामी अय्यप्पा का मंदिर धार्मिक महत्व और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. यहां दक्षिण भारतीय पद्धति से पूजा होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती ह…और पढ़ेंX
Bhilwara Ayyappa Mandir
हाइलाइट्स
भीलवाड़ा में केरल की तर्ज पर बना अय्यप्पा मंदिरदक्षिण भारतीय पद्धति से होती है पूजा अर्चनासर्प दोष से मुक्ति और मनोकामनाएं पूरी होती हैं
Ayyappa Mandir In Bhilwara: भक्ति, शक्ति और आस्था से भरी मेवाड़ की धरती पर आपने कई धार्मिक स्थल और मंदिर देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको मेवाड़ के प्रवेश द्वार भीलवाड़ा के एक खास मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जो साउथ इंडिया की तर्ज पर बना है. भीलवाड़ा में केरल की तर्ज पर स्वामी अय्यप्पा का मंदिर बनाया गया है, जो अपनी विशेष वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर भगवान अय्यप्पा के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन गया है, जहां वे अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं. मंदिर के पुजारी और व्यवस्थापक बताते हैं कि भगवान अय्यप्पा की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है. मंदिर में भगवान अय्यप्पा की काले रंग की प्रतिमा अत्यंत भव्य और आकर्षक है, जो भक्तों को अपनी ओर खींचती है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका नक्शा और रूप साउथ इंडिया की तरह बनाया गया है और यहां पूजा और आराधना भी साउथ इंडियन पद्धति से की जाती है.
यहां होती है पूजा भीलवाड़ा शहर के सुभाष नगर रामा विहार में स्थित श्री अय्यप्पा मंदिर के अध्यक्ष प्रदीप नायर ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि भीलवाड़ा में श्री अय्यप्पा मंदिर की स्थापना करीब 15 साल पहले की गई थी. यहां अय्यप्पा स्वामी के अलावा महादेव, दुर्गा माता, गणेश जी, नाग देवता और नागिन देवी भी विराजमान हैं. यह पूरा मंदिर दक्षिण भारतीय विधि विधान से बनाया गया है. इसके अलावा स्वामी अय्यप्पा की पूजा अर्चना और आराधना भी दक्षिण भारतीय तर्ज पर की जाती है. इस मंदिर के मुख्य तांत्रिक केरल के दामोदरन तंत्री हैं, जिनकी अगुवाई में यहां पूजा अर्चना की जाती है.
इस मंदिर की क्या है खासियतअध्यक्ष प्रदीप नायर ने बताया कि इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां हर कष्ट निवारण के लिए पूजा होती है और नाग देवता की भी पूजा होती है. यहां भौतिक सर्प पूजा और भौतिक सर्प दोष भी हटाया जाता है. यहां आने वाले सभी भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, जिसके कारण दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. यहां न केवल भीलवाड़ा शहर बल्कि पूरे जिले से भक्त आते हैं. इतना ही नहीं, स्वामी अय्यप्पा के दर्शन के लिए अजमेर, चित्तौड़गढ़, टोंक और शाहपुरा मांडलगढ़ सहित आसपास के जिलों से भी भक्त पहुंचते हैं.
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