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Last Updated:November 21, 2025, 18:48 IST
Babul Chaal Ke fayde: भरतपुर में सर्दियां आते ही लोग अपने पुरखों का देसी नुस्खा अपनाना शुरू कर देते हैं. सुबह खाली पेट बाबुल की छाल चबाने से खांसी, जुकाम और गले की खराश में खासा आराम मिलता है. इसमें मौजूद प्राकृतिक औषधीय गुण इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और शरीर को मौसमी संक्रमण से बचाते हैं. यह आज भी ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय उपाय है.
भरतपुर सर्दियों का मौसम शुरू होते ही भरतपुर और इसके ग्रामीण इलाकों में कई परंपरागत देसी नुस्खे एक बार फिर से लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन जाते हैं. इनमें सबसे अधिक प्रचलित नुस्खों में से एक है.बाबुल की छाल का सेवन जिसे ग्रामीण लोग वर्षों से अपनाते आ रहे है. स्थानीय लोगों का मानना है कि बदलते मौसम में खांसी और जुकाम जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं.

ऐसे में यह प्राकृतिक उपचार काफी अच्छा साबित होता है. भरतपुर के गांवों में बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक कई लोग आज भी इस पारंपरिक तरीके पर भरोसा करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बाबुल के पेड़ की छाल में प्राकृतिक तत्व मौजूद होते हैं. जो सर्दी-जुकाम और गले की खराश में राहत प्रदान करते हैं. यही कारण है.कि शहरों में आधुनिक दवाइयों की उपलब्धता बढ़ने के बावजूद

यह देसी उपाय अपनी लोकप्रियता बनाए हुए है. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार बाबुल की छाल का उपयोग करने का तरीका भी बहुत सरल है. पहले पेड़ की छाल को तोड़कर साफ किया जाता है, फिर उसे हल्का साफ करके दांतों से चबाया जाता है. रोज इसको सुबह खाली पेट चबाने से गले की जलन और खांसी में काफी आराम मिलता है. कई लोग इसे गर्म पानी के साथ भी लेते हैं. जिससे प्रभाव और भी जल्दी दिखाई देता है.
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बाबुल की छाल में कफ कम करने वाले गुण पाए जाते हैं. यह गले को साफ रखता है.और सर्दियों में होने वाले सामान्य संक्रमणों से बचाव में मदद करता है. भरतपुर क्षेत्र के कई परिवार इसे अपने घरेलू उपचार के तौर पर पीढ़ियों से इस्तेमाल कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है.कि यह नुस्खा न केवल सस्ता और अच्छा है. सर्दियों में काफी फायदेमंद का भी माना जाता है.

सर्दी के मौसम में जब तापमान गिरता है. तो खांसी जुकाम की समस्या आम हो जाती है. ऐसे में बाबुल की छाल जैसे पारंपरिक नुस्खे लोगों के लिए एक आसान और भरोसेमंद उपाय हैं. भरतपुर के ग्रामीण इलाकों में आज भी सुबह के समय कई लोग इस छाल को चबाते हैं. इसके यह नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाती है.

इन सभी कारणों से बाबुल की छाल सर्दियों में भरतपुर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में एक महत्वपूर्ण देसी उपचार के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है. आधुनिक युग में भी यह पुराना नुस्खा लोगों का भरोसा जीत रहा है और सर्दियों में होने वाली छोटी-मोटी बीमारियों से राहत दिलाने में कारगर साबित हो रहा है.
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November 21, 2025, 18:48 IST
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सर्दियां शुरू, देसी इलाज वापस! बाबुल की छाल से मिलती है जबरदस्त राहत



