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Last Updated:December 02, 2025, 17:25 IST

Baby Health Tips: सर्दियों में नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को गर्म और स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक तेल की मालिश बेहद फायदेमंद मानी जाती है. यह न सिर्फ शरीर में गर्माहट प्रदान करता है बल्कि वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित कर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. नियमित मालिश से बच्चे की मांसपेशियों का विकास होता है और सर्दी-जुकाम का खतरा भी कम रहता है.बेबी मालिश

राहुल मनोहर/सीकर. सर्दियों का मौसम शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे में मां को बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. इस मौसम में शिशुओं और छोटे बच्चों की मालिश करना सबसे अधिक अच्छा रहता है. माता-पिता अगर नियमित रूप से अपने छोटे बच्चे की कोमल मालिश तो उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है. इसके अलावा उनका मानसिक विकास और भावनात्मक सुरक्षा में भी मजबूत होती है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि शिशुओं और छोटे बच्चों के शरीर की मालिश उनके वात, पित्त और कफ के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होती है, जो सर्दियों में विशेष रूप से जरूरी है.

बेबी मालिश

सिर की मालिश के विशेष लाभ: डॉ राजीव दीक्षित जी के अनुसार शिशुओं के सिर की कोमल मालिशन के कई प्रकार से लाभदायक है. इससे रक्त का संचार सही होता है, जिससे सिर का विकास सही ढंग से होता है. उन्होंने बताया कि सिर पर तेल से मालिश करने से कफ दोष बैलेंस रहता है, जिससे बच्चों में चिड़चिड़े होने या बार-बार जुकाम-खांसी की प्रॉब्लम नहीं होती. इसके अलावा यह तरीका नींद को भी सुधारती है और बच्चों को गहरी व आरामदायक नींद दिलाने में हेल्प करता है.

बेबी मालिश

कान की मालिश करना भी फायदेमंद: शिशुओं के सिर के अलावा कान की नियमित मालिश भी बहुत फायदेमंद रहती है. कान पर मालिश करने से उनकी सुनने की शक्ति बेहतर होती है और दांत निकलने के समय होने वाली परेशानी कम होती है. इस प्रोसेस में विशेष के अनुसार तेल का चयन बहुत अहम रहता है. ठंडे मौसम में शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए बादाम या तिल के तेल जैसे गर्म तासीर वाले तेल सही रहते हैं, जबकि नम या गर्म एरिया में हल्के तेल नारियल तेल का प्रयोग करना चाहि. मालिश हमेशा हल्के हाथों से करनी चाहिए.

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बेबी मालिश

मालिश की सही विधि: डॉ राजीव दीक्षित के अनुसार, बच्चों की मालिश हमेशा धीरे, गोलाकार और नर्म थपथपाहट के साथ करनी चाहिए. सिर की मालिश के लिए उंगलियों के पोरों का हल्का दबाव काफी रहता है. इसके अलावा कान की मालिश करते समय केवल बाहरी हिस्से पर ही तेल लगाएं, अंदर कभी भी तेल या किसी वस्तु को न डालें. मालिश का समय नहाने से पहले और कमरे के गर्म होने पर ही तय करें. बच्चे की स्किन बहुत ही सेंसेटिव होती है, इसलिए किसी भी प्रकार के सुगंधित या केमिकल युक्त तेल के इस्तेमाल से बचें.

बेबी मालिश

संभावित नुकसान: डॉ राजीव दीक्षित ने बताया कि अगर मालिश गलत तरीके से की जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकती है. अत्यधिक दबाव डालने से बच्चे के नाजुक ऊतकों को चोट पहुंच सकती है. इसके अलावा कान में तेल डालने से कान के अंदरूनी हिस्से में संक्रमण हो सकता है. अगर बच्चे को बुखार है, त्वचा पर चकत्ते हैं या वह अस्वस्थ लग रहा है, तो मालिश न करें. किसी भी प्रकार के विशेष तेल के इस्तेमाल से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.

बेबी मालिश

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि मालिश बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, उसे गहरी नींद दिलाती है और उसके दिमागी विकास में मदद करती है. लेकिन इसके साथ ही, डॉक्टर की सलाह और आधुनिक देखभाल को नजरअंदाज न करें. थोड़ी सी समझदारी और भरपूर प्यार से यह प्रक्रिया बच्चे के लिए वरदान साबित हो सकती है.

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December 02, 2025, 17:25 IST

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नवजात की सेहत का सीक्रेट! इस आयुर्वेदिक तेल की मालिश से बच्चे रहते हैं गर्म

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