Entertainment
सुहागरात की दास्तां पर लिखा पूरा गाना, लेकिन 1 भी शब्द नहीं रहा भद्दा

मुंबई. हिंदी सिनेमा की 100 साल की यात्रा में अगर ऑल टाइम टॉप-5 गानों की लिस्ट निकाली जाएगी तो चंद धुनें और शब्द दिमाग में घूम जाएंगी. ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’, ‘जीने के लिए सोचा ही नहीं…’, ‘किसी की मुस्कुराहटों’ जैसे कुछ गानों ने समय के चक्र के फेर को बदल दिया है. ऐसा ही एक गाना साल 1998 में आई फिल्म ‘दिल से’ (Dil Se) में ‘गुलजार’ (Gulzar) की कलम से फूटा था. इस गाने में गुलजार ने सुहागरात के दिल दुल्हन के मन में चल रहे रहस्य और उसके खूबसूरत अहसासों की कहानी बयां करता है. लेकिन इस गाने की खास बात यह है कि इसमें 1 भी शब्द भद्दा और अमर्यादित नहीं है. इस गाने ‘जिया जले’ (Jiya Jale) में गुलजार ने सुहागरात के अहसासों की ऐसी तस्वीर पेश की कि संगीत की दुनिया में एक मिसाल बन गई.