बाजरे का खिचड़ा राजस्थान की सर्दियों का पौष्टिक और पारंपरिक व्यंजन.

Last Updated:October 13, 2025, 19:31 IST
राजस्थान की सर्दियों में खाए जाने वाला एक खास व्यंजन है बाजरे का खिचड़ा, जो ना केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि पारंपरिक, पौष्टिक और संस्कृति से जुड़ा हुआ है. देसी घी और गुड़ के साथ बना यह सादा, मीठा खिचड़ा सर्द मौसम में शरीर को गर्मी और ताकत देता है. गांवों में इसे मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है, ताकि सुबह पूरा परिवार मिलकर इसका आनंद ले सके.
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सीकर. राजस्थान का नाम सुनते ही सबसे पहले यहां बनने वाले विभिन्न पकवान याद आती हैं. सर्दी के समय में यहां बाजरे के दानों से एक खाद व्यंजन बनाता है, जो खाने में बहुत टेस्टी होता है. राजस्थान में इसे बाजरे के खिचड़े के नाम से जाना जाता है. राजस्थान में लोग इसे आनंद से खाते हैं. बाजरे का खिचड़ा जो राजस्थान की सर्दियों के पकवानों का असली राजा है. जिस तरह लोग फास्ट फूड खाने के शौकीन है उसी तरह लोग बाजरे के खिचड़े के दीवाने हैं.
यह सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि गांव की चुल्हे की महक, मिट्टी की खुशबू और राजस्थानी परंपरा का अनमोल हिस्सा है. यह खिचड़ा मसाले वाला नहीं, बल्कि एकदम सादा, मीठा और पौष्टिक होता है. इसे खाने के बाद न सिर्फ पेट भरता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है. राजस्थान में जब भी सर्द हवाओं चलती है और खेतों में नया बाजार काटकर घर आता है तो घर-घर में सबसे पहले बाजरे का खिचड़ा बनता है.
बाजरे के खिचड़ा बनाने का राजस्थानी देसी तरीकागृहणी सुमित्रा मौर्य ने बताया कि राजस्थान में इसका खिचड़ा देसी तरीके से बनाया जाता है सबसे पहले बाजरे को साफ किया जाता है, फिर 30 मिनट के लिए बाजरे को पानी में भिगोकर रखे ताकि नरम हो जाए. 30 मिनट भिगोकर रखने के बाद इसे ओखली में अच्छे से कूट ले. कूटने के बाद इसे चूल्हे पर हांडी में पानी डालें उसमें कूटा हुआ बाजार डालें, फिर इसे अच्छे से धीमी आंच पर पकने दे. जब यह पककर तैयार हो जाए तो इसमें गुड़, देसी घी डालें. बस हो गया तैयार राजस्थान का असली मीठा बाजरे का खिचड़ा. इसका स्वाद इतना मशहूर है कि शहर से लोग गांव में बाजरे का खिचड़ा खाने के लिए आते हैं. गांव में इसे अक्सर रात को पकाकर सुबह तक मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है, ताकि सुबह नाश्ते में पूरा परिवार गुड़ घी के साथ इसे खा सके.
अक्षय तृतीया पर बनाया जाता जाता है
इसे त्योहार और अक्षय तृतीया और धनतेरस पर भी बनाया जाता है, क्योंकि यह सिर्फ खाना नहीं बल्कि परंपरा और अपनापन है. बाजरे का खिचड़ा सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. बाजरा शरीर में गर्मी पैदा करता है, जिससे ठंड में भी जोश बना रहता है. इसमें फाइबर ,आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जिसे ऊर्जा भरपूर मात्रा में बनी रहती है. यह खाने में मीठा और हल्का, लेकिन ताकत से पूरा भरपूर होता है. यह बाजरा हड्डियों को मजबूत करता है और इसमें डलने वाला गुड़ खून को साफ करता है और ऊर्जा देता है. इसमें डालने वाला घी दिमाग और शरीर दोनों को ताकत देता है. इसमें मसाले नहीं डालते सिर्फ बाजरा, गुड़ और घी- यही इसकी असली खूबी है. मिठास इतनी हल्की और घी की खुशबू इतनी लाजवाब की खाने वाला उंगलियां चाटता रह जाए.
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
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Sikar,Rajasthan
First Published :
October 13, 2025, 19:31 IST
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राजस्थान की सर्दियों का पौष्टिक और पारंपरिक व्यंजन, बाजरे का खिचड़ा