Rajasthan

Sugar is expensive despite record production, let us explain why | Sugar expensive : रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद महंगी है चीनी, आइए हम बताते है क्यों

देश में रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद चीनी महंगी ( Sugar prices ) बिक रही है। पिछले तीन महीनों में चीनी के भाव 5 रुपए प्रति किलोग्राम तक चढ़ चुके है। अब सवाल यह उठता है कि रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद आखिर क्यों चीनी महंगी ( Sugar mill ) बिक रही है।

जयपुर

Published: May 09, 2022 03:41:01 pm

देश में रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद चीनी महंगी बिक रही है। पिछले तीन महीनों में चीनी के भाव 5 रुपए प्रति किलोग्राम तक चढ़ चुके है। अब सवाल यह उठता है कि रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद आखिर क्यों चीनी महंगी बिक रही है। चीनी कारोबारियों के अनुसार चीनी मिलों ने 72 लाख टन चीनी का निर्यात किया है। इसके लिए सरकार ने चीनी कंपनियों को 8000 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी है। यह सब्सिडी सरकार ने चीनी मिलों को विदेश में निर्यात करने के खर्च को पूरा करने के लिए दी गई है। सरकार ने अब कीमतों पर इसको बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ ब्याह शादियों को देखते हुए इन दिनों चीनी में चौतरफा डिमांड बनी हुई है। यहीं कारण है कि चीनी के भाव तीन-चार दिन के अंतराल में ही दो रुपए प्रति किलो उछल गए हैं। वर्तमान में हाजिर चीनी की कीमतें 3850 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गई हैं। बीते सप्ताह सरकार ने मई माह के लिए खपत को देखते हुए 50 हजार टन बढ़ाकर 22.50 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। मगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे भावों के कारण चीनी में तेजी का रुख बन गया है। प्रताप नगर स्थित थोक कारोबारी महेश कुमार एंड कंपनी के महेश अग्रवाल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चीनी के भाव ऊंचे होने से निर्यातकों की पकड़ मजबूत हो गई है। तथा मई की चीनी एक्स मिल में अधिक बिक जाने से आगे भी चीनी में तेजी का रुख बन सकता है। हालांकि केन्द्र सरकार ने चीनी का कोटा गत माह की अपेक्षा 50 हजार टन बढ़ाकर 22.50 लाख टन खुले बाजार में बिक्री के लिए जारी किया है। लेकिन घरेलू एवं निर्यात को देखते हुए चीनी की कीमतें मजबूत ही रहने वाली हैं। खेरुज में चीनी 40 से 44 रुपए प्रति किलो क्वालिटी वाइज बेची जा रही है।

Sugar expensive : रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद महंगी है चीनी, आइए हम बताते है क्यों

Sugar expensive : रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद महंगी है चीनी, आइए हम बताते है क्यों

newsletter

अगली खबर

right-arrow

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj