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बलबीर राज नाम से चिढ़ गई थी मां, बेटे को दिया चांद सा नाम, राज कपूर प्यार से बुलाते थे ‘टैक्सी’

Last Updated:March 17, 2025, 23:52 IST

शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था, जो उनकी दादी ने रखा था. 1945 में बाल कलाकार के रूप में डेब्यू किया और 2011 में पद्म भूषण, 2014 में दादा साहेब फाल्के से सम्मानित हुए.बलबीर राज नाम से चिढ़ गई थी मां, बेटे को दिया चांद सा नाम, राज कपूर प्यार से ब

भारत सरकार ने शशि कपूर को पद्म भूषण से सम्मानित किया था. (फोटो साभार: IANS)

नई दिल्ली: ‘तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई…’ अपनी सादी सी मुस्कान और खास अंदाज से दर्शकों के बीच खूब पसंद किए जाते थे दिवंगत एक्टर शशि कपूर. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका असली नाम ‘शशि’ नहीं था. कपूर खानदान के शशि का असली नाम बलबीर राज कपूर था और इसके पीछे भी एक खूबसूरत कहानी है.

18 मार्च 1938 को कोलकाता में शशि कपूर का जन्म पृथ्वीराज कपूर के घर हुआ था. जानकारी के अनुसार, शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था, जो उनकी दादी ने रखा था. हालांकि, शशि कपूर की मां रामसरनी कपूर को बलबीर नाम से चिढ़ थी, इस वजह से वह उन्हें प्यार से शशि ही बुलाती थीं. देखते ही देखते उनका बलबीर नाम दब गया और फिल्म जगत में भी उनके शशि नाम की किरण फैल गई.

पिता-भाइयों के नक्शेकदम पर चेल शशिएक्टर के घर में अभिनय का ही माहौल रहता था. पिता और भाइयों के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने भी फिल्मी दुनिया में करियर बनाने की ठानी. शशि कपूर के नाम से जुड़ा एक और किस्सा है, भाइयों में सबसे छोटे शशि को खूब लाड़ मिलता था. 1945 में आई फिल्म ‘तदबीर’ में बतौर बाल कलाकार डेब्यू करने के बाद वह कई फिल्मों में नजर आए. वे काम में खूब व्यस्त रहते थे. उनकी व्यस्तता को देखते हुए उनके बड़े भाई राज कपूर ने उनका नाम ‘टैक्सी’ रखा और इसी नाम से पुकारते थे.

फिल्म ‘धरमपुत्र’ में निभाया था अहम रोलशश‍ि कपूर ने 1945 से ‘तदबीर’ के साथ फिल्मी करियर की शुरुआत करने के बाद ‘आग’, ‘संग्राम’, ‘आवारा’ में भी बतौर बाल कलाकार काम किया. बाल कलाकार के रूप में भी वह काफी पसंद किए जाते थे. शशि कपूर की अहम भूमिका वाली पहली फिल्म ‘धरमपुत्र’ थी, जिसमें उनके साथ माला सिन्हा और रहमान भी थे. इसके बाद, वह ‘जब-जब फूल ख‍िले’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘एक श्रीमान एक श्रीमति’, ‘आ गले लग जा’, ‘सत्यम श‍िवम सुंदरम’, ‘कन्यादान’, ‘शर्म‍िली’, ‘पतंग’, ‘चोरी-चोरी’, ‘चोर मचाए शोर’, ‘दूसरा आदमी’, ‘चोर स‍िपाही’, ‘हीरालाल पन्नालाल’, ‘शान’, ‘नमक हलाल’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, दीवार, नमक हलाल समेत अन्य सफल फिल्मों में भी नजर आए.

पृथ्वी थिएटर को किया था फिर से चालूसाल 1971 में पिता पृथ्वीराज कपूर की मृत्यु के बाद शशि कपूर ने ब्रिटिश एक्ट्रेस-पत्नी जेनिफर के साथ मिलकर मुंबई में पृथ्वी थिएटर को फिर से खोला था. 1977 में उन्होंने अपनी होम प्रोडक्शन कंपनी फिल्मवालाज लॉन्च किया था. शशि कपूर को साल 2011 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया और साल 2014 में उन्हें दादा साहेब फाल्के से सम्मानित किया गया.


First Published :

March 17, 2025, 23:52 IST

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