जालोर स्कूलों में क्रिसमस और सान्ता क्लॉज पर रोक

Last Updated:December 25, 2025, 11:48 IST
जालोर जिला शिक्षा विभाग ने क्रिसमस के मौके पर निजी स्कूलों में होने वाले आयोजनों को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है. जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) ने आदेश दिए हैं कि कोई भी निजी विद्यालय बच्चों को सान्ता क्लॉज बनने या क्रिसमस से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं करेगा. विशेष रूप से ड्रेस कोड और गिफ्ट्स को लेकर अभिभावकों पर किसी भी प्रकार का आर्थिक या मानसिक दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए. विभाग ने साफ किया है कि किसी भी छात्र की भागीदारी पूरी तरह से स्वैच्छिक और अभिभावकों की सहमति पर आधारित होनी चाहिए. यदि कोई स्कूल इन निर्देशों का उल्लंघन करता है और विभाग को इसकी शिकायत मिलती है, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

जालोर शिक्षा विभाग ने क्रिसमस डे के अवसर पर विद्यालयों में होने वाले आयोजनों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जो अब पूरी तरह प्रभावी हो गया है. विभाग की ओर से निजी विद्यालयों को स्पष्ट रूप से यह हिदायत दी गई है कि वे बच्चों और अभिभावकों पर किसी भी तरह का मानसिक या आर्थिक दबाव न बनाएं. साथ ही, किसी भी छात्र को सांता क्लॉज बनने या अन्य उत्सव संबंधी गतिविधियों में अनिवार्य रूप से भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.

शिक्षा विभाग के अनुसार, हाल के दिनों में कुछ संगठनों और अभिभावकों की ओर से आपत्तियां सामने आने के बाद ही इस संबंध में विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. विभाग ने निजी विद्यालयों को यह कड़ा संदेश दिया है कि शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी प्रकार के आयोजन को पूरी तरह स्वैच्छिक रखा जाए. साथ ही, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्कूल परिसर में होने वाली गतिविधियों में सभी की धार्मिक और व्यक्तिगत भावनाओं का सम्मान किया जाए.

निर्देशों में यह भी साफ किया गया है कि यदि किसी विद्यालय द्वारा बच्चों पर दबाव बनाए जाने की शिकायत विभाग तक पहुंचती है, तो संबंधित संस्था को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा. ऐसे मामलों में विभाग द्वारा नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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शिक्षा विभाग का कहना है कि बच्चों की शिक्षा और मानसिक स्थिति सर्वोपरि है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह का अनावश्यक सामाजिक या कार्यक्रमगत दबाव बच्चों पर नहीं डाला जाना चाहिए. आयोजनों को लेकर अभिभावकों की सहमति को प्राथमिकता देना विद्यालयों की जिम्मेदारी तय की गई है, ताकि शैक्षणिक माहौल सकारात्मक बना रहे.

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने एक बार फिर सभी निजी विद्यालय प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों से इन निर्देशों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित करने की अपील की है. विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर नियमों की अनदेखी या लापरवाही सामने आने पर इसकी सीधी जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय प्रबंधन की होगी.
First Published :
December 25, 2025, 11:48 IST
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शिक्षा विभाग का अल्टीमेटम: अभिभावकों की मर्जी बिना बच्चे नहीं बनेंगे सान्ता..



