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‘बांग्‍लादेश पहले यह डिसाइड करें’, जयशंकर की विदेश नीति भी गजब है, पहले यूनुस के दूत से मिले, अब कस के सुना दिया

Last Updated:February 24, 2025, 10:29 IST

S Jaishankar on Bangladesh: एस जयशंकर ने बांग्लादेश पर सख्‍त रुख अख्तियार किया. उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों और भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता जताई. विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्‍लादेश पहले यह …और पढ़ेंबांग्‍लादेश पहले यह डिसाइड करे’, जयशंकर ने यूनुस को कस के सुना दिया

एस जयशंकर ने बांग्‍लादेश पर स्थिति स्‍पष्‍ट की.(File Photo)

हाइलाइट्स

जयशंकर ने बांग्लादेश से संबंधों पर स्पष्टता मांगी.बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों पर चिंता जताई.बांग्लादेश को भारत संग संबंधों पर निर्णय लेना होगा.

नई दिल्ली. बांग्‍लादेश में जबसे शेख हसीना की सरकार गई है, तभी से वहां कट्टरपंथी ताकतें बार-बार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्‍त है. एक तरफ अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्‍मद यूनुस भारत से अच्‍छे रिश्‍तों की बात करते हैं. वहीं हर मौके पर बांग्‍लादेश की कार्यवाहक सरकार के सलाहकार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्‍लादेश को कस के सुना दिया. उन्‍होंने साफ-साफ कर दिया कि बांग्‍लादेश पहले यह डिसाइड करे कि उसे भारत के साथ किस तरह के संबंध रखने हैं.

भारत द्वारा ढाका में अधिकारियों से संबंधों में नकारात्मकता न फैलाने का आह्वान करने के बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर से बांग्लादेश के शत्रुतापूर्ण व्यवहार का मुद्दा उठाया और कहा कि बांग्लादेश को इस बारे में अपना मन बनाना होगा कि वह भारत के साथ किस तरह के संबंध चाहता है. मस्कट में अपने समकक्ष तौहीद हुसैन के साथ बैठक के बमुश्किल एक सप्ताह बाद बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि ढाका यह नहीं कह सकता कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है और साथ ही घरेलू स्तर पर जो कुछ भी गलत होता है, उसके लिए भारत को दोषी ठहराता रहे.

“अगर अंतरिम सरकार में हर दिन कोई खड़ा होकर हर चीज के लिए भारत को दोषी ठहराता है तो यह नहीं चलेगा. अगर आप रिपोर्ट देखें, तो उनसे पता चलेगा वहां जो भी हो रहा है उनमें कुछ चीजें बिल्कुल हास्यास्पद हैं. आप एक तरफ यह नहीं कह सकते कि मैं अब आपके साथ अच्छे संबंध रखना चाहता हूं, लेकिन मैं हर सुबह उठता हूं और हर चीज के लिए आपको दोषी ठहराता रहूं.

जयशंकर ने शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐसा निर्णय है जो उन्हें लेना है. द्विपक्षीय संबंधों में आने वाली समस्याओं के दो पहलू हैं. पहला अल्पसंख्यकों पर हमले हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बाढ़ आई हुई है. जाहिर तौर पर यह कुछ ऐसा है जो हमारी सोच को प्रभावित करता है और यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में हमें बोलना चाहिए, जो हमने किया है. जयशंकर ने आगे कहा कि दूसरा पहलू यह है कि बांग्‍लादेश की अपनी राजनीति है, लेकिन आखिरकार दोनों देश पड़ोसी हैं. उन्हें इस बारे में अपना मन बनाना होगा कि वे हमारे साथ किस तरह का रिश्ता रखना चाहते हैं. बांग्लादेश के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है. बांग्लादेश के साथ हमारा एक बहुत ही खास इतिहास है. यह 1971 से चला आ रहा है.


First Published :

February 24, 2025, 10:29 IST

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