16 साल की बालिका वधु ने शादी के 14 दिन बाद उठाया बड़ा कदम… ससुराल और पीहर वाले हैरान

जयपुर
देश प्रदेश में बाल विवाह रोकथाम को लेकर भले ही कई तरह कानून और सरकारी गैर सरकारी संस्थाएं काम कर रही है लेकिन उसके बावजूद समाज मे आज भी बाल विवाह की घटनाएं सामने आती रहती है। ताजा मामला टोंक के मालपुरा का है जहां की एक बालिका का टोंक में बाल विवाह हो गया। शनिवार बालिका वधु बनी नाबालिक किशोरी, ने एसपी ऑफिस पहुंचकर खूद आगे पढ़ने की इच्छा जताकर बाल विवाह से छुटकारा दिलाने की मांग की तो मामले का खुलासा हो पाया। उसके बाद बाल कल्याण समिति भी एक्टिव हो गई है।
इंजीनियर बनना चाहती हूं, घर वाले नहीं मान रहे
बाल कल्याण समिति कार्यालय में समिति सदस्यों को अपनी पीड़ा बताते हुए उसने इंजीनियर बनने की इच्छा जताई है। दरअसल एसपी ऑफिस से सूचना मिलने के बाद बाल कल्याण समिति सदस्य शाहिन हबीब,शैफाली जैन और गौरव मधुकर एसपी ऑफिस पहुंचकर नाबालिग को दस्तयाब कर समिति कार्यालय लेकर आए। जहाँ उसके बयान हुए। समिति सदस्य शाहिन हबीब ने बताया कि नाबालिक किशोरी 29 नवम्बर तक सखी वन स्टॉप सेंटर में रखने के लिए निर्देशित किया। उन्होने बताया कि महज 16 साल की उम्र में बालिका की मर्जी के विरुद्ध जाकर उसके परिजनों ने उसकी शादी 14 नवम्बर देवउठनी को कर दी थी। जिसके बाद इच्छा नही होने के बावजूद परिवार के दबाव आकर में ससुराल भी रहकर आई थी। लेकिन पढ़.लिखकर आगे बढने की उसके बाल मन की इच्छा ने उसे बाल.विवाह के खिलाफ आवाज उठाने का साहस दिया और शनिवार को दोपहर ढाई बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची किशोरी ने एसपी ओमप्रकाश, एएसपी सुभाषचंद्र मिश्रा और डीएसपी चंद्रसिंह रावत को अपनी आपबीती बताकर बाल विवाह से छुटकारे की इच्छा जताई हैं। दूसरी ओर कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने नाबालिग किशोरी को कस्तुरबा आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाए जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया हैं।
दसवीं में 81 प्रतिशत अंक
दरअसल पढाई में होशियार किशोरी ने इस साल दसवीं में 81 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। उसने बताया कि वह आगे पढ़.लिखकर इंजिनियर बनना चाहती हैं और शादी के बाद पति का व्यवहार भी उसकी आशानुरुप नही रहा। उसने बताया कि सगाई होने के बाद उसने बाल विवाह का विरोध भी किया था। लेकिन परिवार व समाज के दबाव में उसने शादी कर ली। शादी के बाद ससुराल रहने के बाद अपने पीहर आई हुई थी। किशोरी ने बताया कि दो दिन पहले वह ससुराल से मालपुरा स्थित अपने गांव पीहर, चली गई थी। जहां उसने परिजनों से आगे पढ. लिखने की बात कही थी। लेकिन परिजनों के मन में अपने सपने के प्रति सहानुभूति नही होने के चलते उसने शुक्रवार रात को अपना घर छोड दिया। उसने बताया कि रातभर वह बस स्टेण्ड पर रही और शनिवार को मौका देखकर टोंक आ गई और एसपी को उनके आफिस जाकर अपनी पीड़ा बताई।