भारत से बैर लेकर बर्बाद हो गया बांग्लादेश! भीख मांगने की आ गई नौबत, कटोरा लेकर चीन पहुंचे मोहम्मद यूनुस

Last Updated:March 28, 2025, 08:42 IST
Bangladesh Crisis : भारत से बैर लेना बांग्लादेश को काफी महंगा पड़ रहा है. उसकी हालत भी पाकिस्तान की तरह खस्ता होती जा रही है. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार अपने ऊपर लदे कर्ज का बोझ हल्का कराने और प्रोजेक्ट…और पढ़ें
बांग्लादेश ने प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए चीन से मदद मांगी है.
हाइलाइट्स
बांग्लादेश के सलाहकार यूनुस चीन से कर्ज राहत मांगने पहुंचे.यूनुस ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से ब्याज दर कम करने की गुहार लगाई.बांग्लादेश ने चीन से विकास परियोजनाओं के लिए समर्थन मांगा.
नई दिल्ली. भारत से बैर लेकर बांग्लोदश की हालत भी पाकिस्तान जैसी हो गई है. नौबत अब भीख मांगने तक पहुंच गई और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस जल्द ही कटोरा लेकर चीन जाएंगे. अभी तक पाकिस्तान ही लगातार चीन से मदद और कर्ज लेने जाता था. अब इस कड़ी में बांग्लादेश का नाम भी जुड़ने वाला है. वैसे बांग्लादेश ने पहले ही चीन से काफी बड़ा कर्ज उठाया है और माना जा रहा है कि यूनुस इस कर्ज पर लगने वाले ब्याज की दर कम कराने ही चीन जा रहे हैं.
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार के मुताबिक, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. यह दौरा बांग्लादेश-चीन संबंधों को पुनः स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यूनुस पिछले बुधवार से ही चीन की यात्रा पर हैं. उन्होंने चीन से उसके कर्जों पर ब्याज दरें कम करने और चीनी वित्त पोषित परियोजनाओं पर प्रतिबद्धता शुल्क माफ करने का अनुरोध किया. उनका मकसद चीन के कर्ज को सस्ता करके मौजूदा आर्थिक संकट में कुछ राहत बटोरना है.
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प्रोजेक्ट के लिए चीन पर निर्भरयूनुस ने हैनान में बोआओ फोरम फॉर एशिया एनुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान चीनी कार्यकारी उप प्रधानमंत्री डिंग शुएशियांग से मुलाकात की और विभिन्न विकास परियोजनाओं में चीन से समर्थन मांगा. इसका मतलब है कि बांग्लादेश को चीन से एक बार फिर मदद की आस है, जबकि उस पर पहले से ही चीन का बड़ा कर्ज चल रहा है. चीन, जापान, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के बाद बांग्लादेश का चौथा सबसे बड़ा कर्जदाता है, जिसने साल 1975 से अब तक कुल 7.5 अरब डॉलर (करीब 62 हजार करोड़ रुपये) के कर्ज बांटे हैं.
कितनी छूट की लगाई उम्मीदयूनुस ने चीन से गुहार लगाई है कि उसके कर्ज पर लगने वाले 3 फीसदी की ब्याज दर को घटाकर 1 या 2 फीसदी कर दिया जाए. साथ ही प्रतिबद्धता शुल्क को भी खत्म कर दिया जाए. यूनुस ने डिंग के साथ अपनी बैठक में चीनी विनिर्माण उद्योगों, जिसमें रेडीमेड गारमेंट्स, इलेक्ट्रिक वाहन, हल्की मशीनरी, हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स, चिप निर्माण और सोलर पैनल जैसे उद्योग शामिल हैं, उन्हें स्थानांतरित करने में बीजिंग की मदद मांगी है.
रूस के आगे भी फैलाया हाथफोरम के दौरान यूनुस ने रूसी उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक से भी मुलाकात की, जिन्होंने बांग्लादेश को अधिक गेहूं और उर्वरक निर्यात करने में मॉस्को की ओर से रुचि व्यक्त की है. उन्होंने कहा, बांग्लादेश को रूस अधिक गेहूं और उर्वरक निर्यात करना चाहता है. इसके अलावा दोनों नेताओं ने रूस द्वारा वित्तपोषित रूपपुर परमाणु ऊर्जा योजना के संचालन पर चर्चा की. इस परियोजना को स्थापित करने में रूस ने काफी मदद की थी.
लोकतंत्र के लिए मांगी मददयूनुस ने पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून से भी मुलाकात की, जो BOAO फोरम के चेयरमैन हैं. उन्होंने मून से बांग्लादेश में लोकतंत्र की सुगम स्थापना के लिए समर्थन और सलाह मांगी. यूनुस ने कहा, ‘हम नई शुरुआत करना चाहते हैं. हमें आपके समर्थन और सलाह की जरूरत है. हमें अब एक बड़ा मौका मिल रहा है और इसके जरिये देश को फिर लोकतंत्र की राह पर लाना चाहते हैं.’
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 28, 2025, 08:42 IST
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