Rajasthan

Veterinary Workers On The Path Of Agitation, Gave An Ultimatum To Boyc – आंदोलन की राह पर पशु चिकित्साकर्मी,दिया कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम

11 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया उपखंड अधिकारी को ज्ञापन
सरकार पर कार्मिकों की उपेक्षा करने का आरोप

जयपुर, 2 अगस्त
तृतीय श्रेणी शिक्षकों का महापड़ाव राजधानी जयपुर में चल ही रहा है कि अब प्रदेश के पशु चिकित्सा कर्मियों (veterinary personnel) ने भी आंदोलन की राह पकड़ ली है। सरकार पर पशुचिकित्सा कर्मचारियों (veterinary personnel) की उपेक्षा (Ignore) करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ (Rajasthan pashu chikitsa karamchari sangh) के आह्वान पर कार्मिकों ने प्रदेश के सभी उपखंड अधिकारियों को अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी ने कहा कि सरकार पशुपालन विभाग (Animal husbandry department) में कार्यरत अधीनस्थ पशु चिकित्सा संवर्ग के कर्मचारियों के साथ उपेक्षित व्यवहार कर रही है। संघ की मांगों पर सैद्धांतिक सहमति होने के बाद भी सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। जिससे कार्मिकों में आक्रोश है। यदि समय रहते उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कर्मचारी राज्य सरकार की ओर से जनहित में संचालित कल्याणकारी योजनाओं को ठप्प करने के लिए विवश होंगे, जिसकी समस्त जवाबदेही राज्य सरकार और विभाग की होगी। सैनी ने बताया कि आगामी 11 अगस्त को जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा और 25 अगस्त को निदेशालय पर एक दिन का सांकेतिक धरना दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन जारी रहेगा।
यह है मुख्य मांगें
: पशुधन सहायक का वेतनमान और अन्य सुविधाएं मेडिकल नर्स के समान की जाएं
: पशु चिकित्सा सहायक को हार्ड ड्यूटी भत्ता स्वीकृत किया जाए
: पशुधन सहायक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि 3 साल और 6 माह की इंटर्नशिप निर्धारित की जाए
: राजस्थान वेटरनरी कौंसिल की स्थापना की जाए
: पशुधन सहायक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का नाम पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में डिप्लोमा किया जाए
: पशु चिकित्सा कर्मचारियों के पदनाम में बदलाव किया जाए
: पशु औषधालयों और पशु चिकित्सा उपकेंद्रों पर सहायक कर्मचारी सहित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं
: पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला तकनीकीशियन और रेडियोग्राफर के पद स्वीकृत किए जाएं
: पशु चिकित्सा कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति अवकाश की व्यवस्था की जाए
: पशुचिकित्सा कर्मचारियों को संक्रमण, जुनोटिक बीमारियों से बचाव के संसाधन दिए जाएं
: कोविड से दिवंगत हुए कार्मिकों को 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि स्वीकृत की जाए।



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