Rajasthan

Bariatric Surgery For Weight Loss – वजन घटाने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी का चलन

मधुमेह का प्रसार 19 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली. आंकड़ों की मानें तो भारत में 3.9 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैं। वहीं मधुमेह के मामले में भारत को ‘मधुमेह की वैश्विक राजधानी के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, एक अध्ययन के अनुसार भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मधुमेह का प्रसार 1972 में 2.4 प्रतिशत और 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 2015-19 में क्रमश: 15 प्रतिशत और 19 प्रतिशत हो गया है। साथ ही 2010-2040 के बीच 20-69 वर्ष की आयु के भारतीय व्यस्कों में सामान्य से अधिक वजन दोगुना और मोटापा तीन गुना हो जाएगा। मधुमेह लोगों के प्रतिरक्षा स्तर को कम करता है और अगर मधुमेह रोगी मोटापे से भी ग्रस्त है, तो उनके लिए कोविड-19 के गंभीर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। होप ओबेसिटी सेंटर के निदेशक डॉ. दिग्विजय सिंह बेदी कहते हैं, मोटे और मधुमेह रोगी, अगर कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएं तो उनमें गंभीर परिणाम होने का खतरा हो सकता है। इसका कारण यह है कि मोटे-मधुमेह रोगियों में प्रतिरक्षा स्तर कम हो जाता है। यह खतरा टाइप-1 और टाइप-2 दोनों मधुमेह रोगियों के लिए होता है। हालांकि, विश्वभर में टाइप-2 डायबिटीज के मामले ही अधिक देखे जाते हैं। ऐसे रोगियों के ग्लुकोज के स्तर को सख्त नियंत्रण में रखा जाना चाहिए। पहले से मौजूद सह-रूग्ण स्थितियों को दूर करने के लिए बैरिएट्रिक या वजन घटाने वाली सर्जरी मोटे और सह-रूग्ण रूप से मोटे लोगों में लंबे समय तक वजन घटाने के एक अच्छे विकल्प के रूप में दिखाई दे रही है।



Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj