बाड़मेर के दम्पति का अनोखा फैसला: 10 साल से मन में थी इच्छा, आज मुराद पूरी हुई तो हर कोई कर रहा तारीफ

मनमोहन सेजू/बाड़मेर: दृढ़ निश्चय और मानव सेवा के जज्बे से प्रेरित, एक दंपति ने अग्रसेन जयंती और पति के जन्मदिन के अवसर पर देहदान की घोषणा कर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है. गुरुवार को, अपने जन्मदिन पर रामकिशन बंसल ने अपनी पत्नी के साथ बाड़मेर के जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसुरिया के पास जाकर देहदान का घोषणा पत्र सौंपा.
देहदान में बढ़ती जागरूकतासरहदी बाड़मेर जिले में मेडिकल कॉलेज के लिए देहदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है. अब तक, जिले में 74 लोग अपने शरीर दान करने की घोषणा कर चुके हैं. बाड़मेर के निवासी रामकिशन बंसल और उनकी पत्नी दमयंती अग्रवाल ने अग्रसेन जयंती पर यह अनोखा फैसला लिया है. रामकिशन ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं जबकि दमयंती एक सिलाई सेंटर चलाती हैं.
प्रेरणा और संकल्पदमयंती अग्रवाल ने लोकल18 से बातचीत में कहा, हमारी प्रेरणा अग्रसेन महाराज हैं, जिन्होंने ‘एक ईट, एक रुपया’ दान करने की शिक्षा दी. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने 29 साल पहले नेत्रदान किया था, जिससे उन्हें देहदान करने की प्रेरणा मिली. वह पिछले 10 वर्षों से इस दिशा में सोच रही थीं और आज उनकी मुराद पूरी हुई है. वहीं, रामकिशन बंसल ने कहा, आज मेरा जन्मदिन भी है और अग्रसेन जयंती भी. इस विशेष अवसर पर हमने सपत्नीक देहदान की घोषणा की है.
परिवार का समर्थनइस दंपति के दो बेटे, पुनीत और कुलदीप और बहुएं कविता और पूजा भी इस फैसले से सहमत हैं. रामकिशन ने बताया कि वे समाज में 12वें की रस्म को भी खत्म करना चाहते हैं. उनका मानना है कि इस पहल से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा और लोग देहदान के लिए प्रेरित होंगे. इस दंपति की इस अनूठी पहल से न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक जागरूकता भी बढ़ेगी, जो समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 20:10 IST