Rajasthan

Barmer News : बाड़मेर के बाजरे को अब मिलेगी दुनियाभर में पहचान, पायलट प्रोजेक्ट के तहत हुआ चयन

 मनमोहन सेजू/ बाड़मेर.बाड़मेर जिले में बाजरे का बहुतायात तरीके से उत्पादन किया जाता है. यही वजह है कि बाड़मेर का बाजरा अब केवल रोटी बनाने तक ही सीमित नहीं रहेगा. इसकी पहचान अब ब्रेकफास्ट सहित कई प्रोडक्ट बनाने के रूप में भी होगी. इतना ही नहीं भारत सरकार ने राजस्थान में एक मात्र बाड़मेर जिले का मिलेट वेल्यू चैन डवलपमेंट पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है.

आपके शहर से (बाड़मेर)

  • राजस्थान के इन शहरों में होगा जल संकट, 8 मई के बाद एक दिन छोड़ कर मिलेगा पानी

    राजस्थान के इन शहरों में होगा जल संकट, 8 मई के बाद एक दिन छोड़ कर मिलेगा पानी

  • Sharad Pawar Resigns : NCP की बैठक में शरद पवार का इस्तीफा हुआ नामंजूर,अब क्या होगा आगे ? | Top News

    Sharad Pawar Resigns : NCP की बैठक में शरद पवार का इस्तीफा हुआ नामंजूर,अब क्या होगा आगे ? | Top News

  • Bikaner News : इस स्कूल से सरकारी जॉब में चयनित होते हैं नेत्रहीन बच्चे, अब तक 80 से अधिक स्टूडेंट सरकारी पदों पर

    Bikaner News : इस स्कूल से सरकारी जॉब में चयनित होते हैं नेत्रहीन बच्चे, अब तक 80 से अधिक स्टूडेंट सरकारी पदों पर

  • Rajouri Encounter : Kashmir में बड़ा मुठभेड़, सेना के 5 जवान शहीद। Breaking News । Top News

    Rajouri Encounter : Kashmir में बड़ा मुठभेड़, सेना के 5 जवान शहीद। Breaking News । Top News

  • Hanumangarh: ट्रेन के कोच से नीचे गिरी 3 महिलाएं, रेलवे पुलिस के जवान ने बचाई जान | #shorts

    Hanumangarh: ट्रेन के कोच से नीचे गिरी 3 महिलाएं, रेलवे पुलिस के जवान ने बचाई जान | #shorts

  • The Kerala Story Controversy: आज रिलीज हुई फिल्म 'द केरल स्टोरी', फिल्म को लेकर हो रहा विवाद

    The Kerala Story Controversy: आज रिलीज हुई फिल्म ‘द केरल स्टोरी’, फिल्म को लेकर हो रहा विवाद

  • Street Food: जोधपुर में बन रही नई चौपाटी, शहर के 20 फेमस फूड शॉप का मिलेगा जायका

    Street Food: जोधपुर में बन रही नई चौपाटी, शहर के 20 फेमस फूड शॉप का मिलेगा जायका

  • Nagaur News : कभी इस गांव को महामारी के कारण कर दिया था अलग-थलग, आज हर सुविधाओं से लैस है यह गांव

    Nagaur News : कभी इस गांव को महामारी के कारण कर दिया था अलग-थलग, आज हर सुविधाओं से लैस है यह गांव

  • Dungarpur: इमली की चटनी के साथ परोसे जाते है सोमोसे और कचौड़ी, एक बार खाएंगे बार-बार आएंगे

    Dungarpur: इमली की चटनी के साथ परोसे जाते है सोमोसे और कचौड़ी, एक बार खाएंगे बार-बार आएंगे

  • भाई की यादें जिंदा रखने के लिए बहन ने बनवाया हॉस्‍टल, पिता ने गिफ्ट में दी 30 करोड़ की जमीन

    भाई की यादें जिंदा रखने के लिए बहन ने बनवाया हॉस्‍टल, पिता ने गिफ्ट में दी 30 करोड़ की जमीन

बाड़मेर जिले में बाजरे की बुआई सर्वाधिक भूभाग में की जाती है. यहां के लोग कई दशकों से बाजरे का उपयोग कर रहे है. पुराने समय में बाजरे की खुशबू से रसोईयां महकती थीं. छोटे दानों वाली इस फसल से बने उत्पाद जितने पौष्टिक होते हैं, किसानों के लिए इनकी खेती भी उतनी ही ज्यादा फायदेमंद है. बाड़मेर प्रदेश का सबसे ज्यादा बाजरा उत्पादन करने वाला जिला है. मिलेट वैल्यू चैन डवलपमेंट पायलट प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली से केंद्रीय टीम बाड़मेर पहुंची और यहां जिला कलेक्टर सहित कृषि अधिकारियों व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ बैठक कर बाजरे की प्रोसेसिंग यूनिट और बनने वाले प्रोडक्ट को लेकर किसानों के साथ संवाद किया.

सबसे अच्छी बात तो यह है कि बाजरा जैसे मोटे अनाज आज देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा में अहम योगदान दे रहे हैं. यही वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के दौरान देश में बाजरा के उत्पादन के साथ-साथ खानपान में इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि मंत्रालय भारत सरकार से पीएयू डॉ. स्वाति, मिनिस्ट्री आफ एग्रीकल्चर के अतिरिक्त निदेशक दीपक कुमार यादव, कृषि विभाग बाड़मेर के संयुक्त निदेशक किशोरी लाल वर्मा, कृषि संयुक्त निदेशक पदमसिंह भाटी, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक महेंद्र सिंह उमट, केवीके दांता के विनय कुमार सहित के एफपीओ, स्वयं सहायता समूह बैठक में शामिल रहे.

सरकार ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर घोषित किया है. इसके तहत बाड़मेर का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन हुआ है. बाजरे को अब केवल रोटी चपाती तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा. इसके कई प्रोडक्ट तैयार कर मार्केट डवलप किया जाएगा. बाजरे से बनने वाले प्रोडक्ट के लिए चैन डवलप की जाएगी.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक किशोरी लाल वर्मा ने कहा कि बाड़मेर में 9.50 लाख हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है, जिसमें करीब 8 लाख हेक्टेयर में ऑर्गेनिक खेती हो रही है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि बाजरे की 90 फीसदी खेती बारिश पर आधारित है. अब बाजरे के उत्पादन से लेकर बेचने तक के लिए एक्शन प्लान बनाया जाएगा.

Tags: Barmer news, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj