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Barmer News : कपड़ा तैयार है, सिलाई के पैसे लाओ… सरहद पर इस कोड से चलता था खुफिया खेल, पुलिस भी रह गई हैरान!

Last Updated:November 12, 2025, 17:51 IST

Barmer News : बाड़मेर पुलिस ने तीन साल से फरार 25 हजार रुपये के इनामी तस्कर स्वरूप सिंह को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह ‘कपड़ा तैयार है, सिलाई के पैसे लाओ’ जैसे कोडवर्ड्स से हेरोइन की तस्करी करता था. पाकिस्तान से ‘घण्टा बजाकर’ सिग्नल मिलते ही ऊंट के ज़रिए माल भारत पहुंचाया जाता था.

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बाड़मेर. सरहद की रेत पर एक ऐसा खेल चल रहा था जिसमें बात कपड़ों की होती थी लेकिन माल निकलता था हेरोइन का. तस्कर फोन पर कहते थे, “कपड़ा तैयार है, सिलाई के पैसे लाओ और कपड़ा ले जाओ.” सुनने वाले को लगता था जैसे कोई दर्जी की दुकान से बात कर रहा हो, मगर असल में सरहद पार से नशे की तस्करी का खेल चल रहा था. इस गुप्त कोडवर्ड के जरिए हेरोइन की बड़ी खेप भारत में लाई जा रही थी और पुलिस को भनक तक नहीं लग पा रही थी.

सरहदी बाड़मेर पुलिस ने तीन साल से फरार चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी तस्कर स्वरूप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. तस्करी का तरीका सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. पूछताछ में खुलासा हुआ कि तस्करों के बीच कपड़ों और सिलाई की बात होती थी, लेकिन असल में लेन-देन हेरोइन का होता था. सरहद पार “एक घंटा बजाने” का इशारा मिलते ही पाकिस्तान की ओर से माल डंप कराया जाता था. इसके बाद हेरोइन को ऊंट के सहारे अपने बाड़े में चारे के बीच छिपा दिया जाता था ताकि किसी को शक न हो.

पाकिस्तान से आया था 28 किलो हेरोइन का मालपुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा के अनुसार, 22 जुलाई 2022 को गडरारोड क्षेत्र में पुलिस और बीएसएफ ने संयुक्त कार्रवाई कर 28 किलो हेरोइन पकड़ी थी. इस मामले में पहले ही सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि स्वरूप सिंह राजपूत निवासी नरसिंगार, गडरारोड़ को अब गिरफ्तार किया गया है. उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस ने उसके पास से 312 ग्राम अधजली हेरोइन, 16 लाख 6 हजार 500 रुपये नकद, एक आईफोन और एक मोटरसाइकिल जब्त की है. बताया गया कि स्वरूप सिंह बकरियां चराने का काम करता था, लेकिन इसी आड़ में वह हेरोइन की तस्करी करता था.

कोडवर्ड और घंटा सिग्नल से चलता था पूरा नेटवर्कस्वरूप सिंह पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क के साथ मिलकर हेरोइन की तस्करी करता था. गिरोह के सदस्य आपस में कोडवर्ड में बात करते थे ताकि किसी को शक न हो. कोडवर्ड भी बहुत चतुराई से तय किए गए थे. “कपड़ा तैयार है” का मतलब होता था कि खेप आ चुकी है, जबकि “सिलाई के पैसे” का अर्थ होता था भुगतान. जब सरहद पार से माल मंगवाना होता था तो तस्कर “एक घंटा बजाते”. यह सिग्नल पाकिस्तान की ओर बैठे तस्करों के लिए होता था. उसके बाद हेरोइन सीमा पार से भारत में डंप कर दी जाती थी. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि तस्कर ऊंटों के सहारे यह माल सीमा के भीतर तक लाते थे और गांव के भीतर बने चारे के बाड़े में उसे छिपा देते थे ताकि पुलिस या ग्रामीणों को कोई शक न हो.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Barmer,Rajasthan

First Published :

November 12, 2025, 17:51 IST

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कपड़ा तैयार है, सिलाई के पैसे लाओ… सरहद पर इस कोड से चलता था खुफिया खेल!

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