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फैटी लीवर हो या कमजोर द‍िल, ‘ऑयल’ नहीं है आपका असली दुश्‍मन, जानें असली कारण – हिंदी

Cold Pressed vs Regular Oils: जब भी बात हेल्‍दी लाइफ स्‍टाइल की आती है, सबसे पहले लोग अपनी डाइट में से तेल कम करने की बात करते हैं. घर में बोलकर अपने खाने में तेल कम करने को कहते हैं. कम ऑयल वाली सब्‍ज‍ियां बनाते हैं या ऐसा ही कुछ करते हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हेल्‍दी और अच्‍छी जीवनशैली के ल‍िए आपको तेल कम करने से ज्‍यादा सही तेल चुनने की जरूरत है? हेल्‍दी डाइट के नाम पर हम सबसे पहले तेल अपनी डाइट से हटाते हैं लेकिन एक्‍सपर्ट्स की मानें तो तेल नहीं बल्‍कि ‘गलत तरीके का तेल’ आपके लि‍ए नुकसानदायक है. आइए जानते हैं हेल्‍दी लाइफ स्‍टाइल के ल‍िए क‍िस तरह का तेल इस्‍तेमाल करना चाहिए.

डाइटीश‍ियन डॉ. श्‍वेता शाह अपने एक वीड‍ियो में बताती हैं कि आज जो तेल हम घरों में इस्‍तेमाल कर रहे हैं, उसमें मुख्‍यत: 2 तरीके के तेल होते हैं. हाइड्रोजेनेट‍िड और दूसरे हैं कोल्‍ड-प्रेस ऑयल. सबसे पहले हाइड्रोजेनेट‍िड ऑयल की बात करें तो इससे होता ये है कि ये सबसे पहले आपके शरीर में बेड कॉलेस्‍ट्रोल (LDL) बढ़ाता है. अगर आप अपनी कॉलेस्‍ट्रोल र‍िपोर्ट देखेंगे तो आपको ये नजर आएगा. इसके साथ ही हाइड्रोजेनेट‍िड ऑयल शरीर में अच्‍छा वाला कॉलेस्‍ट्रोल यानी HDL कम कर देता है. इसी कमी की वजह से शरीर में बहुत ज्‍यादा इनफ्लेमेशन होने लगता है.

– हाइड्रोजेनेट‍िड का इस्‍तेमाल करने से आपकी बॉडी में फैट ज्‍यादा जमा होने लगते हैं. ऐसा होने से आप टाइप 2 डायब‍िटीज, अर्थराइट‍िस, थयरॉयड या इनफ्लेमेट्री कंडीशन की वजह से होने वाली कोई भी परेशानी से ज्‍यादा प्रभाव‍ित होने के चांस रखते हो.

Cold pressed oils and its Benefits
जानते हैं हेल्‍दी लाइफ स्‍टाइल के ल‍िए क‍िस तरह का तेल इस्‍तेमाल करना चाहिए.

–  हाइड्रोजेनेट‍िड तेल में ट्रांस फैट बहुत ज्‍यादा मात्रा में होता है. ऐसे में जो लोग हाइड्रोजेनेट‍िड तेल खाते हैं उन्‍हें फैटी ल‍िवर की परेशानी भी बहुत ज्‍यादा होती है. फैटी ल‍िवर आज जवान लोगों में एक बड़ी परेशानी है जो द‍िन ब द‍िन बढ़ती जा रही है और इसकी वजह है ट्रांस फैट का इतना ज्‍यादा प्रयोग.

क्‍या है कोल्‍ड-प्रेस्‍ड ऑयल

अगर आप खाने में बेहतर तेल के व‍िकल्‍प देख रहे हैं तो कोल्ड प्रेस्ड ऑयल सबसे अच्‍छा ऑप्‍शन है. जैसा की नाम से ही साफ है कि ऐसे तेल न‍िकालने में हीट या गर्मी का इस्‍तेमाल नहीं क‍िया जाता. कोल्‍ड प्रेस्‍ड ऑयल कम हीटिंग विधियों का उपयोग करके दबाव में बीज को कुचलकर निकाला जाता है. इस तरह का तेल बनाने में बीजों को मसल कर तेल न‍िकाला जाता है और ये काम ब‍िना अत्‍यध‍िक गर्मी के होता है. इस तरह से न‍िकलने वाले तेल में हानिकारक केम‍िकल और प्र‍िजर्वेट‍िव नहीं होते, जिससे तेल 100% प्राकृतिक हो जाता है.

Cold pressed oils and its Benefits
भारतीय कुकिंग के ह‍िसाब से हमें नार‍ियल, सरसों और त‍िल का तेल इस्‍तेमाल करना चाहिए.

क्‍यों बेहतर है कोल्‍ड प्रेस्‍ड ऑयल

– कोल्ड प्रेस्ड ऑयल विटामिन ए, सी, ई, डी, ओमेगा 3 और 6, जिंक और पोटेशियम से भरपूर है, जो लीवर को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है. यह शरीर में अच्‍छा कोलेस्ट्रॉल बनाए रखता है और इम्‍यून‍िटी स‍िस्‍टम को भी अच्‍छा रखता है.– ये बात स‍िद्ध हो चुकी है कि तिल के तेल में पाए जाने वाले मैग्नीशियम में कैंसर को भी रोकता है. इनमें कैंसर रोधी रसायन फाइटेट भी शामिल है. तिल का तेल कोलोरेक्टल कैंसर की घटनाओं को कम करता है.– इस तेल में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं जो पुरानी बीमारियों और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है.– कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल का इस्‍तेमाल शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. ये अच्‍छा कोलेस्‍ट्रॉल आपके हार्ट की हेल्‍थ के ल‍िए बहुत जरूरी है.– जो भी लोग लीवर की समस्‍या से जूझ रहे हैं उन्‍हें कोल्‍ड प्रेस्‍ड ऑयल इस्‍तेमाल करना चाहिए.– कोल्ड प्रेस्ड ऑयल केम‍िकल फ्री होते हैं, जिससे इसका स्वाद और खुशबू दोनों ही प्राकृतिक और बढ़‍िया होती है.

Tags: Food, Health benefit, Mustard Oil, Oil

FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 18:35 IST

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