Rajasthan

मेहंदी पर काली लट का प्रकोप, जरूर जान लें बचने के उपाय वर्ना भारी पड़ेगी खेती

किसानों के लिए फसलों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय होती है, विशेषकर तब जब फसलें कीटों के हमले का शिकार हो जाती हैं. पाली जिले के कंटालिया गांव के किसानों की इस समय चिंताएं बढ़ी हुई हैं, क्योंकि कस्बे और आसपास के कई गांवों में मेहंदी की फसल पर काली लट का प्रकोप देखा जा रहा है.

इस कीट के हमले से मेहंदी की पत्तियां नष्ट हो रही हैं, जिससे फसल के उत्पादन पर गंभीर असर पड़ सकता है. किसानों को अब फसल चौपट होने का भय सता रहा है.

कीट से फसलें बचाने के उपाय

जलवायु परिवर्तन और कीट नियंत्रण: जलवायु परिवर्तन के कारण मेहंदी की झाड़ियों में कीट और रोग पनपने लगते हैं. फसल में कीटों की रोकथाम के लिए किसान बाविस्टिन की 1.5 ग्राम मात्रा या मोनोक्रोटोफॉस की 1 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में घोलकर पूरी फसल पर छिड़काव कर सकते हैं. इससे कीटों से फसल को बचाया जा सकता है.

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दीमक और अन्य कीटों की रोकथाम: दीमक और अन्य कीटों की रोकथाम के लिए क्लोरोपाइरीफास या 1 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा कल्चर के साथ 40 किलोग्राम वर्मीकंपोस्ट या सड़ी हुई गोबर की खाद का मिश्रण बनाकर जड़ों के ऊपर डाल सकते हैं. यह उपाय फसल को कीटों से बचाने में प्रभावी हो सकता है.

सोजत मेंहदी की खेती के लिए कीट-रोग प्रबंधन: पाली के किसान सोजत मेंहदी की खेती में कीट-रोग प्रबंधन के लिए 1 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा, 40 किलोग्राम वर्मीकंपोस्ट, और 20 ग्राम फोरेट का उपयोग करके बीज-जड़ों का उपचार करें. इसके बाद ही पौधों की रोपाई की जानी चाहिए. इससे कीटों के हमले से फसल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.

इन उपायों के माध्यम से किसान अपनी फसल को काली लट और अन्य कीटों के हमले से बचा सकते हैं और फसल उत्पादन में होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं.

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Tags: Agriculture, Local18

FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 11:03 IST

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