Bee Attack: आदमी पर हमलावर हुई मधुमक्खियां, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान, आवाज सुनकर हो जाती है भड़कीली

Last Updated:March 31, 2025, 18:52 IST
Bee Attack: पाली जिले में मधुमक्खियों के हमले बढ़ रहे हैं, जिससे बांगड़ अस्पताल में कई मरीज भर्ती हो रहे हैं. सरसों की कटाई के दौरान तेज आवाज और धुएं से मधुमक्खियां भड़क जाती हैं और हमला कर देती हैं.X
मधुमक्खी इसलिए हो रही आक्रमक
हाइलाइट्स
पाली जिले में बढ़ रहे हैं मधुमक्खियों के हमलेसरसों की कटाई के दौरान तेज आवाज और धुएं से भड़क जाती हैं मधुमक्खियांमधुमक्खियों के हमले से घायल हुए हैं एक महीने में दर्जनों लोग
पाली. पाली जिले में मधुमक्खियों का आतंक बढ़ता जा रहा है. हर एक-दो दिन में बांगड़ अस्पताल में मधुमक्खियों के हमले से घायल मरीज पहुंच रहे हैं. जब इसके पीछे की वजह की जांच की गई, तो पता चला कि मधुमक्खियों को फूल आकर्षित करते हैं. सरसों के फूलों की ओर आकर्षित होकर मधुमक्खियां पेड़ों पर अपना छत्ता बना लेती हैं. गर्मी से पहले जब सरसों की कटाई शुरू होती है, तो तेज आवाज या थ्रेशर के धुएं से ये भड़क जाती हैं और हमला कर देती हैं. गर्मी में मधुमक्खियों की टीम नई जगह और गंध की तलाश में रहती हैं. ऐसे में कोई भी इनके भोजन में बाधा डालता है, तो ये हमला कर देती हैं.
एक दर्जन से ज्यादा मामले आए सामनेजिले में एक महीने में मधुमक्खियों के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. दो दर्जन से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. एक मामले में सरदारसमंद क्षेत्र में धौलाघर माताजी मंदिर में जात लगाने पहुंचे नवविवाहित दंपती, 6 साल की बच्ची सहित 5 लोग घायल हो गए. दूल्हे ललित, दुल्हन किरण के साथ गए तारादेवी, राकेश, जितेंद्र और 6 साल की परिधि घायल हो गए.
अचानक क्यों बढ़ रहे हैं मधुमक्खियों के हमले?इसकी जांच की गई तो दो वजह सामने आईं. कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. अरविंद तेतरवाल के अनुसार, मधुमक्खियों को फूल आकर्षित करते हैं. सरसों के फूलों की ओर आकर्षित होकर मधुमक्खियां पेड़ों पर छत्ता बना लेती हैं. गर्मी से पहले जब सरसों की कटाई शुरू होती है, तो तेज आवाज या थ्रेशर के धुएं से ये भड़क जाती हैं और हमला कर देती हैं.
नई जगह और गंध की तलाश में रहती हैं मधुमक्खियों की टीमगर्मी में मधुमक्खियों की टीम नई जगह और गंध की तलाश में रहती हैं. ऐसे में कोई भी इनके भोजन में बाधा डालता है, तो ये हमला कर देती हैं. तेतरवाल ने बताया कि मधुमक्खियां हर डंक के साथ जहर की थैली छोड़ती हैं. डॉ. अरविंद तेतरवाल के अनुसार, मधुमक्खी 4 तरह की होती हैं. इनमें एपिस सेरेना इंडिका, एपिस फ्लोरिमा और रॉक बी प्रजाति पाली-मारवाड़ में पाई जाती हैं.
जानिए मधुमक्खियों के बारे में मधुमक्खी साइज में बड़ी होती हैं और अक्सर बिल्डिंगों में ऊंचाई पर छत्ता बनाती हैं. सालाना 35 से 40 किलो शहद बनाती हैं। एपिस सेरेना इंडिका: मधुमक्खियां पेड़ और झाड़ियों में छत्ता बनाती हैं. ये प्रजाति मीडियम साइज की होती है जो सालाना 5 से 7 किलो शहद उत्पादन करती है. एपिस फ्लोरिमा: आकार में सबसे छोटी होती हैं, लेकिन इनका शहद सबसे उच्च क्वालिटी का होता है. ये मधुमक्खियां साल में सिर्फ आधा से एक किलो शहद बना पाती हैं. मार्केट में इनका शहद सबसे महंगा बिकता है. इटालियन बी: छोटे फार्म में बॉक्स में रखकर शहद उत्पादन किया जाता है. सालाना 38 से 40 किलो शहद बनाती हैं. ये मधुमक्खियां गर्मी में सर्वाइव नहीं कर सकतीं, इसलिए पाली में नहीं पाई जातीं. 4 प्रजातियों में रॉक बी सबसे खतरनाक होती है.
Location :
Pali,Pali,Rajasthan
First Published :
March 31, 2025, 18:52 IST
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क्या है मामला? क्यों पाली में मधुमक्खियां आक्रमक होकर बना रही इंसानों को शिकार