बच्चों के हाथ में फोन देने से पहले ON कर दें ये Settings, सेफ रहेंगे ऑनलाइन, नहीं दिखेगा एडल्ट कंटेंट!- how to keep your kids safe when using phone online safety internet dangers always on these settings
Make Phone safe for kids: आजकल बच्चे अपना ज्यादातर खाली समय स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर बिताते हैं. बच्चे के हाथ में हर समय गैजेट्स होने से उनकी आंख, शरीक पर असर पड़ता है, साथ ही मानसिक तनाव भी बढ़ता है. कई बार गैजेट की वजह से इंटरनेट से जुड़ा खतरा भी रहता है. आज बच्चों के हाथ में मोबाइल आने से इंटरनेट पर पोर्न तक उनकी पहुंच भी बेहद आसान हो गई है. इस कारण उनके गलत राह पर चले जाने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है.
कई बार मां-बाप के बच्चे के जिद के आगे हार जाते हैं और उनसे हर समय फोन या कोई गैजेट नहीं छीन सकते हैं. इसलिए पेरेंन्ट्स को कुछ ऐसे तरीके अपनाने होंगे जिससे कि इंटरनेट या फोन को बच्चों के लिए सेफ बनाया जा सके.
ये भी पढ़ें-चार्जिंग पर कब लगाना चाहिए फोन, 15%, 30% या 50% पर? सालों से मोबाइल चलाने वाले भी कर रहे हैं गलती
एडल्ट कंटेंट को सेटिंग से करें कंट्रोलबच्चों के लिए फोन को सेफ बनाने के लिए और अडल्ट कंटेंट से अपने बच्चों को बचाने के लिए सबसे पहले एंड्रॉयड के गूगल प्ले रेस्ट्रिक्शन को ऑन करना होगा. इससे बच्चे पर ऐसे ऐप, गेम और दूसरे वेब संसाधनों को डाउनलोड करने पर रोक लगेगी, जो उनकी उम्र के लिए सही नहीं हैं.
इसके लिए सबसे पहले बच्चे के डिवाइस पर गूगल प्ले स्टोर पर जाएं. फिर लेफ्ट कॉर्नर में मौजूद Settings पर जाएं. इसके बाद आपको ‘Parental controls’ का ऑप्शन मिलेगा.
ये भी पढ़ें-फोन पर बात करते हुए भूलकर भी न करना ये 3 गलतियां, पता भी नहीं चलता और हैकर्स उड़ा देते हैं सारे पैसे
इसपर टैप करने पर आपको PIN सेट करने के लिए कहा जाएगा. पिन सेट करके मां-बाप पेरेन्टल कंट्रोल सेटिंग चेंज कर सकते हैं. एक बार पिन सेट हो जाने के बाद आप हर कैटेगरी के लिए स्टोर बेस्ड उम्र के आधार पर प्रतिबंध लगा सकते हैं. बस आपको ध्यान ये रखना है कि ये PIN आप अपने बच्चे को न बताएं.
सोशल मीडिया की सेटिंग्सयूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पेरेंटल कंट्रोल का ऑप्शन मिलता है. अगर आप सोशल मीडिया ऐप्स पर पेरेंटल कंट्रोल ऑन करते हैं तो आप बच्चों की एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं और उन्हें गलत चीजें देखने से रोक सकते हैं.
अलग Email आईडी है ज़रूरीमां-बाप कई बार अपनी आसानी के लिए बच्चों को अपनी ई-मेल आईडी से ही सारे ऐप चलाने की छूट दे देते हैं. मगर बच्चों की पर्सनल ई-मेल आईडी बनाना ज्यादा सेफ तरीका होता है. इससे पेरेंट्स न सिर्फ बच्चों को गलत विज्ञापनों से दूर रख सकते हैं बल्कि बच्चों की इंटरनेट एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक भी कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- फोन को फर्राटेदार स्पीड से चार्ज कर देंगे ये 5 तरीके, चंद मिनट में बैटरी होगी फुल, कम ही लोगों को है पता
बच्चों को इंटरनेट सेफ्टी की टिप्सअगर आप अपने बच्चे के हाथ में फोन देते हैं तो उसे इंटरनेट सेफ्टी के बारे में बताते रहें. बच्चों को वायरस, मैलवेयर, साइबर क्राइम और ऑनलाइन पेमेंट से जुड़े फ्रॉड से अवगत कराएं, और ये भी सिखाएं कि कैसे वह फ्रॉड को पहचानें.
Tags: Tech Knowledge, Tech Tricks
FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 11:13 IST