Before Holi, a huge fair is held here, it is famous since the times of monarchy for whole spices and iron utensils. – News18 हिंदी

रिपोर्ट – मोहित शर्मा
करौली. करौली का प्रसिद्ध माल मेला भर चुका है. ये मेला साबुत मसालों और लोहे के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है. दूर दूर से मसाला व्यापारियों से लेकर गृहणियां तक यहां आती हैं और सालभर के मसाले लेकर लौटती हैं. यहां के मसाले शुद्ध और जायकेदार होते हैं.
राजस्थान के करौली में होली से ठीक 10 दिन पहले और महाशिवरात्रि पशु मेले के 20 दिन बाद, एक विशाल मेला भरता है. राजशाही जमाने से परंपरा अनुसार लग रहे इस मेले को माल मेले के नाम से पहचाना जाता है. करौली के मेला ग्राउंड परिसर में भरने वाले इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता इसमें मिलने वाले साबुत मसाले, लोहे के बर्तन. इसी के साथ कई तरह के खास आइटम हैं. हर साल की भांति इस साल भी यह मेला होली से पहले परवान चढ़ चुका है. होली के अवसर पर लगने वाला पूर्वी राजस्थान का यह इकलौता ऐसा विशाल मेला है जो रसोइयों को 1 साल तक साबुत मसाले से फुल कर देता है. इस विशाल मेले का उद्देश्य भी बहुउद्देशीय रहा है.
जो यहां मिलेगा वो और कहीं नहीं होगा
करौली के बच्चे हों या बुजुर्ग, महिलाएं हों या पुरुष या जवान. हर किसी को इस मेले का साल भर इंतजार रहता है. हर उम्र के लोगों के लिए इस मेले में कई तरह के खास आइटम मिलते हैं. लगभग 10 दिन तक चलने वाला यह मेला होली से एक दिन पहले ही परंपरा अनुसार समाप्त होता है. कई खास आइटम और व्यंजन तो ऐसे हैं जो इस मेले के अलावा कहीं और नहीं मिलते. पहले इस मेले का स्वरूप बहुत बड़ा था. लेकिन समय बदलने के साथ रौनक कम होती जा रही है.
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सालभर का स्टॉक मिल जाएगा यहां
पुराने जमाने में यह मेला शिल्प कला के आइटम और सोने – चांदी की खरीद के लिए दूर तक प्रसिद्ध था. लेकिन अब यह मेला साबुत मसाले और लोहे के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है. स्थानीय लोगों का कहना है एक दशक बाद पिछले साल से इस मेले में भव्य रौनक लौट रही है. बड़ी संख्या में महिलाएं रसोई के लिए मसाले लेने के लिए पहुंच रही हैं. दूरदराज के व्यापारी इस मेले में कई तरह के प्रसिद्ध मसाले लेकर आते हैं.
एक मेले में सब कुछ
मेले में मसाले खरीदने आयी महिला सीमा कुमारी ने बताया ज्यादातर सामान इस मेले में मिल जाता है. खासकर मसाले बहुत बढ़िया मिलते हैं, जो स्वाद में बढ़िया क्वालिटी के होते हैं. सीमा कुमारी का कहना है यह एक ऐसा मेला है जो साल भर के लिए हमारी रसोई में साबुत मसाले भर जाता है. एक अन्य महिला राधा सैनी ने बताया मसालों के साथ-साथ महिलाओं के श्रृंगार के सभी आइटम, बच्चों के लिए खिलौने, रसोई के सामान और पुराने जमाने के कुछ खास आइटम भी मिलते हैं. बच्चों के मनोरंजन के लिए भी यह माल मेला जाना जाता है. इसमें बच्चों के लिए खास खिलौने सहित बड़े-बड़े झूले हर साल लगते हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 20, 2024, 17:12 IST