Bhai Dooj 2025 | Bhai Dooj Muhurat | Brother Sister Festival | Tika Ceremony Timing | Bhai Dooj Importance | Bhai Dooj Gifts | Family Festival India

Last Updated:October 22, 2025, 13:34 IST
Bhai Dooj Shubh Muhurat: भाई दूज कल मनाया जाएगा. इस दिन भाई-बहन के रिश्तों में प्यार और मिठास बढ़ाने के लिए तिलक किया जाता है. ज्योतिष के अनुसार सही समय पर तिलक करने से रिश्तों में खुशहाली आती है. यह पर्व भाई-बहन के प्यार और आशीर्वाद का प्रतीक है.
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Bhai Dooj 2025
जोधपुर: दिवाली पर्व के बाद भाई दूज पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाई दूज पर्व को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे इसकी कामना करती हैं. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार, भाई दूज की तिथि 22 अक्तूबर 2025 को रात 08:16 बजे शुरू होकर 23 अक्तूबर 2025 को रात 10:46 बजे तक रहेगी। ऐसे में इस बार भाई दूज का पर्व 23 अक्तूबर 2025 को मनाया जाएगा. भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को घर बुलाकर भोजन करवाती हैं और उनका तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर उसके सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं.
भाई दूज का त्योहार भाई दूज, भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है. इसे यम द्वितीया, भाऊ बीज, भतरु द्वितीया आदि नामों से जाना जाता है. इस साल भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को है.इस दिन बहनें अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित करती हैं, उनका तिलक करती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं.बदले में भाई बहनों को उपहार देते हैं.
भाई दूज डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार भाई दूज की तिथि 22 अक्तूबर 2025 को रात 08:16 बजे शुरू होकर 23 अक्तूबर 2025 को रात 10:46 बजे तक रहेगी.ऐसे में इस बार भाई दूज का पर्व 23 अक्तूबर 2025 को मनाया जाएगा.
भाई दूज पूजा विधि डा. अनीष व्यास ने बताया कि भाई दूज पर शाम को शुभ मुहूर्त में भाई बहन यमराज चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें। बहन, भाई की आयु वृद्धि के लिए यम की प्रतिमा का पूजन कर प्रार्थना करें. इसके बाद बहन, भाई को भोजन कराएं और तिलक लगाएं. इसके बाद भाई अपनी बहन को अपनी इच्छा के अनुसार उपहार दें. इस दिन सभी बहनें अपने हाथ से भाई को भोजन कराएं तो उसकी उम्र बढ़ती है। साथ ही उसके जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं.
यमुना और यमराज की पूजा का महत्वडा. अनीष व्यास ने बताया कि प्रचलित कथाओं के अनुसार एक बार यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने धरती पर आए. उस दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी. भाई को आया देख यमुना ने उन्हें भोजन कराया और तिलक लगाकर आदर सत्कार किया.बहन का प्रेम देखकर यमराज ने कहा कि जो भी व्यक्ति इस तिथि पर यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा मृत्यु के बाद उसे यमलोक की यातना नहीं सहनी पड़ेगी। तभी से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना नदी में स्नान कर यमराज की पूजा करने का विशेष महत्व है. स्कंद पुराण में लिखा है कि यमराज को प्रसन्न कर, पूजन करने वाले की हर कामना पूरी होती है.
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें
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Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
October 22, 2025, 13:34 IST
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भाई दूज आज नहीं, कल…पंड़ित जी से जानें तिलक लगाने का कब है शुभ मुहुर्त



