भगवान शिव के पांचवें रुद्रावतार है भैरव बाबा, रींगस में आठ दिवसीय मेले का आगाज, जानिए क्या कुछ है खास

सीकर: भगवान शिव के पांचवें रूद्रवतार रीगस के राजा कहे जाने वाले लोक देवता भेरुजी महाराज का आठ दिवसीय मेला आज शुरू हो चुका है. खाटूश्याम जी आने वाले श्रद्धालु भेरुजी के मेले में भी देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंच रहे हैं. भेरुजी महाराज के लगातार श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है. मंदिर कमेटी द्वारा भेरुजी महाराज का अलौकिक सिंगार किया गया है. साथ ही मंदिर परिसर को भव्य तरीके से सजाया गया है. भव्य मेले को लेकर मेला कमेटी व उपखंड प्रशासन ने कई तरह के इंतजाम किए हैं जिनमें भेरूजी मंदिर से काली माता के दर्शन आसानी से हो सके इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है.
मंदिर कमेटी एवं प्रशासन की ओर से इस बार मानसून की सक्रियता के चलते भेरूजी मंदिर की जोहड़ी पानी से लबालब भरी हुई है. कोई अनहोनी ना हो इसकी आशंका को देखते हुए प्रशासन ने जोड़ी के चारों ओर तारबंदी करते हुए उन्हें टेंट से ढक दिया गया. ताकि कोई भी श्रद्धालु किसी हादसे का शिकार ना हो जाए.
कौन है भेरुजी महाराजरींगस मे स्थित भेरुजी का मंदिर 650 साल पुराना है. इस मंदिर को लेकर मानता है कि भैरव बाबा मन्नत मांगने के बाद भक्तों को चमत्कार दिखाते हैं. हिन्दु संस्कृति के अनुसार ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा जी के 5वें मुख के द्वारा शिवजी की आलोचना की गई थी, जिसके बाद शिव जी ने पांचवे रूद्रवतार में भैरव बाबा के रूप में अपने नाखून से ब्रह्मा जी का पांचवा मुख धड़ से अलग कर दिया था. तभी से भैरू बाबा पर ब्रह्म हत्या का अभिशाप लग गया था. इससे मुक्ति प्राप्त करने के लिए भैरू बाबा ने तीनों लोकों की यात्रा की. ऐसा माना जाता है कि भैरू बाबा के तीनों लोकों की यात्रा पृथ्वी लोक पर रींगस से शुरू हुई थी और यहीं पर खत्म की थी.
FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 13:44 IST