Bharat Tank | Indian Army News- इंडिया का मास्टरस्ट्रोक! अर्जुन, भीष्म के बाद अब ‘भारत’ टैंक की बारी, दुश्मन की हर चाल होगी फेल

चेन्नई: भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ चुका है. सरकारी रक्षा निर्माण कंपनी Armoured Vehicles Nigam Limited (AVNL) ने घोषणा की है कि वह अब पूरी तरह से देशी तकनीक से बना एक लाइटवेट टैंक ‘भारत’ तैयार कर रही है. कंपनी का कहना है कि इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 के अंत तक तैयार हो जाएगा.
यह घोषणा AeroDefCon 2025 इवेंट के दौरान चेन्नई ट्रेड सेंटर में की गई. जहां भारत के रक्षा उद्योग की नई उपलब्धियों का प्रदर्शन हुआ. इस टैंक को भारत की सीमाओं पर ऊंचे और कठिन इलाकों में लड़ाई की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है.
AVNL ने कहा कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ भारतीय सेना के लिए गेमचेंजर साबित होगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को भी नई गति देगा. ‘भारत’ टैंक के आने से भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जो अपने हल्के लेकिन अत्याधुनिक टैंक खुद डिजाइन और निर्मित कर सकते हैं.
‘भारत’ टैंक: 100% स्वदेशी तकनीक से बनेगा युद्ध का नया शस्त्रAVNL के मार्केटिंग अधिकारी विमल ने प्रेस से बातचीत में बताया कि कंपनी इस समय ‘भारत टैंक प्रोजेक्ट’ पर पूरी ताकत से काम कर रही है. उन्होंने कहा, “हम 100% स्वदेशी तकनीक से भारत टैंक बना रहे हैं. डिजाइन और विकास का काम 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा और 2026 के आखिरी महीनों तक पहला प्रोटोटाइप रोल आउट कर दिया जाएगा.”
कंपनी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उसकी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है. इसे विशेष रूप से ऊंचे और दुर्गम इलाकों में चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. जहां 60-70 टन वजनी टैंकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
क्या होगा इस टैंक की खासियत?‘भारत’ टैंक को बेहद हल्का और तेज बनाया जा रहा है ताकि वह ऊंचे इलाकों, बर्फीली घाटियों और संकरी सड़कों पर भी आसानी से मूव कर सके.
इसमें मॉड्यूलर हथियार प्रणाली,
एडवांस कॉम्पोजिट आर्मर,
और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे सैनिकों को रियल टाइम बैटल अवेयरनेस मिलेगी.
कंपनी के अनुसार, टैंक की रेंज, सटीकता और गतिशीलता इसे किसी भी दुश्मन की तुलना में बढ़त दिलाएगी.
AVNL: भारत के ‘आयरन वॉल’ की निर्माता कंपनी
AVNL, रक्षा मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख पब्लिक सेक्टर कंपनी है, जो देश में पांच बड़े उत्पादन केंद्रों का संचालन करती है. इनमें से सबसे प्रसिद्ध तमिलनाडु के अवडी में है. कंपनी के पोर्टफोलियो में पहले से ही अर्जुन मेन बैटल टैंक, टी-90 भीष्म, टी-72 अजेय, और बीएमपी-II सरथ जैसे टैंक शामिल हैं, जो भारतीय सेना की रीढ़ माने जाते हैं.
इस बार AVNL ने अपने प्रदर्शनी में पांच आधुनिक युद्ध वाहनों को दिखाया, जिसने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों का ध्यान आकर्षित किया. विशेषज्ञों का कहना है कि ‘भारत टैंक’ के विकास के साथ AVNL अब अगली पीढ़ी की रक्षा तकनीक की ओर बढ़ चुका है.
आत्मनिर्भर भारत का ‘रक्षा कवच’‘भारत टैंक’ का सबसे अहम पहलू यह है कि इसमें कोई विदेशी पुर्जा इस्तेमाल नहीं होगा. इससे न केवल भारत की सप्लाई चेन सुरक्षित होगी बल्कि अपग्रेड और सर्विसिंग की प्रक्रिया भी तेज और सस्ती हो जाएगी. सेना सूत्रों के मुताबिक यह टैंक लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे सीमावर्ती इलाकों में तैनाती के लिए आदर्श होगा. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘भारत टैंक’ भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र में “मास्टरस्ट्रोक” साबित हो सकता है जो आने वाले दशकों में भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा.