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Last Updated:December 05, 2025, 10:48 IST

Bharatpur Khoya Til Gajak: भरतपुर की खोवा तिल गजक इस सर्दी लोगों की खास पसंद बनी हुई है. खोवा और तिल के अनोखे मिलावट वाले स्वाद ने इसे बाकी गजक से अलग बना दिया है. इसका मुलायम टेक्सचर और देसी स्वाद हर उम्र के लोगों को पसंद आ रहा है. स्थानीय बाजारों में इसकी खूब मांग है और यह सर्दियों की शान बन चुकी है.news 18

जैसे ही सर्दियों का मौसम दस्तक देता है. भरतपुर की पारंपरिक मिठाइयों की याद ताजा हो जाती है.इनमें सबसे अधिक चर्चा में रहने वाली है. खोवा तिल से बनी विशेष गजक जिसकी मांग हर साल ठंड शुरू होते ही तेजी से बढ़ जाती है. आमतौर पर मिलने वाली साधारण गजक से बिल्कुल अलग यह खास गजक अपने अनोखे स्वाद मुलायम बनावट और देसी तासीर के लिए जानी जाती है.

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यही वजह है कि भरतपुर में इसे सर्दियों की पहचान और पारंपरिक मिठाई के रूप में खास स्थान मिला हुआ है. खोवा–तिल गजक की खासियत यह है.कि इसे तिल की कुरकुराहट के साथ ताज़ा खोवा मिलाकर तैयार किया जाता है.खोवा इसके स्वाद को न सिर्फ बढ़ाता है, बल्कि इसे बाकी गजकों की तुलना में ज्यादा मुलायम और लजीज बनाता है. मिठाई बनाने वाले कारीगर बताते हैं. कि इसकी तैयारी में पूरी सावधानी बरती जाती है.

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ताकि तिल भुने भी हों और खोवा का स्वाद भी एकदम संतुलित रहे यही संतुलन इस गजक को भरतपुर की ठंड का प्रमुख स्वाद बना देता है. स्थानीय बाजारों में दिसंबर की शुरुआत के साथ ही खोवा–तिल गजक की दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगती है. कई पारंपरिक दुकानदार सालों से इसी रेसिपी का पालन करते आ रहे हैं.

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जिसे लोग भरतपुर की असली गजक के नाम से पहचानते हैं. सुबह से ही दुकानों के बाहर ग्राहकों की लाइन लग जाती है और लोग इसको खूब पसंद करते है. इसका स्वाद काफी लाजवाब होता हैं, क्योंकि यह खोवा और तिल से बनाई जाती है. जो बिल्कुल मुलायम होती है. जो मुंह में जाते ही घुल जाती है. लोग इसे अपने घरों के साथ रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए भी ले जाते हैं.

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सर्दी के मौसम में शरीर को ऊर्जा और गर्माहट देने वाली इस गजक की मांग बढ़ जाती है. तिल और खोवा दोनों ही ठंड में शरीर को ताकत देने वाले माने जाते हैं. इसलिए भी यह गजक सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी खास मानी जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि भरतपुर की सर्दियों की शुरुआत खोवा–तिल गजक के बिना अधूरी मानी जाती है.

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सीमित समय के लिए तैयार होने वाली यह गजक हर साल सर्दियों में लोगों की पहली पसंद बन जाती है.जैसे ही फरवरी के बाद तापमान बढ़ता है. इसकी सप्लाई भी कम हो जाती है और लोग अगले मौसम का इंतजार शुरू कर देते हैं. यही वजह है कि इन दिनों बाजारों में इसकी उपलब्धता है. खोवा–तिल गजक न सिर्फ भरतपुर का स्वाद है, बल्कि स्थानीय परंपरा और सर्दियों की एक मीठी याद भी है.

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December 05, 2025, 10:48 IST

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भरतपुर की मशहूर खोवा तिल गजक बनी पहली पसंद, क्यों है ये बाकी गजक से अलग?

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