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Bharatpur News: ज्यादा बारिश से खेतों में भरा पानी तो किसानों ने कर डाली धान की खेती, लहलहा रहे खेत

Last Updated:October 20, 2025, 20:14 IST

भरतपुर में भारी बारिश और पांचना बांध से छोड़े गए पानी के कारण कई किसानों की फसलें तबाह हो गई. खेतों में लंबे समय तक जलभराव के कारण अगली बुआई पर भी संकट मंडराने लगा था. ऐसे कठिन समय में किसानों ने नवाचार और समझदारी दिखाते हुए उसी पानी का उपयोग धान की बुआई के लिए किया, जो इस क्षेत्र में सामान्य रूप से नहीं की जाती. शुरुआती जोखिम के बावजूद यह प्रयोग सफल रहा और अब खेतों में हरी-भरी धान की फसल लहलहा रही है. यह पहल न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी साबित हुई, बल्कि जल संरक्षण का भी उदाहरण बनी.

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भरतपुर. शहर में हुई तेज़ बरसात और करौली के पांचना बांध से छोड़े गए पानी ने भरतपुर जिले के कई क्षेत्रों में बड़ा असर दिखाया. बांध से छोड़े गए पानी के कारण बड़ी संख्या में खेतों में जलभराव हो गया. नतीजा यह हुआ कि किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई. कई किसानों के सामने संकट की स्थिति बन गई थी, क्योंकि खेतों में लंबे समय तक पानी भरे रहने से न केवल फसलें सड़ गई, बल्कि अगली बुआई की उम्मीद भी खत्म होती नज़र आने लगी.

लेकिन ऐसे कठिन हालात में भी भरतपुर के किसानों ने हार नहीं मानी, उन्होंने अपनी समझदारी और नवाचार से इस संकट को अवसर में बदल दिया. खेतों में पहले से भरे पानी को बेकार जाने देने के बजाय किसानों ने उन्हीं खेतों में धान की बुआई करने का फैसला किया. यह निर्णय जोखिम भरा था, क्योंकि धान की खेती इस क्षेत्र में सामान्य रूप से नहीं की जाती, लेकिन किसानों ने प्रयोग के तौर पर इसे अपनाया.

खेतों में हरी-भरी धान की फसल लहरा रही 

कुछ ही हफ्तों में इसका असर देखने को मिला, जिन खेतों में पहले नष्ट फसलें पड़ी थीं, अब वहीं हरी-भरी धान की फसल लहरा रही है. किसानों का यह प्रयास अब आसपास के गांवों के लिए भी प्रेरणा बन गया है. अब किसान इस पहल से प्रभावित होकर अपने खेतों में भी यही तरीका अपनाने की योजना बना रहे हैं. जलभराव को उन्होंने समस्या नहीं, बल्कि समाधान में बदल दिया. पानी निकालने या पंपों पर खर्च करने के बजाय उन्होंने उसी पानी का उपयोग नई फसल के लिए किया.

अब जब धान की फसल लहलहा रही है, तो उन्हें उम्मीद है कि इससे अच्छी पैदावार के साथ आमदनी भी होगी. यह कदम पर्यावरणीय दृष्टि से भी लाभकारी है. पानी का दोबारा उपयोग करने से न केवल जल संरक्षण हुआ, बल्कि किसानों की आर्थिक हानि भी कम हुई. यह उदाहरण बताता है कि यदि किसान परिस्थितियों के अनुसार सोच बदल लें, तो आपदा को अवसर में बदला जा सकता है. भरतपुर के किसानों की यह सूझबूझ और नवाचार अब जिले में एक मिसाल बन गई है.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें

Location :

Bharatpur,Rajasthan

First Published :

October 20, 2025, 20:14 IST

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भरतपुर के किसानों ने जलभराव में धान की खेती कर संकट को अवसर में बदला

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