Rajasthan

भीलवाड़ा बदनोर लहसुन GI टैग की मांग, किसानों को होगा फायदा

Last Updated:October 29, 2025, 17:16 IST

भीलवाड़ा जिले के बदनोर क्षेत्र में किसान पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. रतनपुरा गांव के किसान सांवरलाल ने एक बीघा खेत में 25-27 क्विंटल लहसुन उत्पादन बताया. बदनोर का लहसुन अपने विशेष स्वाद, रंग और लंबे समय तक टिकने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है. किसान चाहते हैं कि इसे जीआई टैग मिले, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी पहचान बढ़े और उन्हें उचित मूल्य मिले.

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भीलवाड़ा. जिले के किसान अब आधुनिक खेती की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं.  पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक तकनीक अपनाकर वे अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे हैं. भीलवाड़ा जिले के बदनोर क्षेत्र में इन दिनों लहसुन की खेती किसानों के लिए नई पहचान बन गई है. यहां का लहसुन अपने विशेष स्वाद, रंग और लंबे समय तक टिकने की क्षमता के लिए जाना जाता है. किसान बताते हैं कि अगर इस लहसुन को सरकार की ओर से जीआई टैग मिल जाए, तो इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खास पहचान मिल सकती है.

भीलवाड़ा जिले के बदनोर के रतनपुरा गांव के किसान सांवरलाल बताते हैं कि उनका परिवार पिछले 25 वर्षों से खेती कर रहा है. उन्होंने एक बीघा खेत में लहसुन की खेती की है, जिससे 25 से 27 क्विंटल तक उत्पादन होता है.  सांवरलाल कहते हैं, “हम चाहते हैं कि सरकार बदनोर लहसुन को जीआई टैग दे, ताकि यहां के किसानों को उचित मूल्य मिले और हमारा लहसुन देश-दुनिया में नाम कमाए. पहले वह केवल गेहूं, जौ और चने जैसी पारंपरिक फसलें उगाते थे, जिससे आमदनी सीमित रहती थी. लेकिन अब उन्होंने नकदी फसलों की ओर रुख किया है, जिसमें लहसुन की खेती सबसे ज्यादा लाभकारी साबित हो रही है. किसानों ने ड्रिप सिंचाई, जैविक खाद और मिट्टी परीक्षण जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग शुरू कर दिया है, जिससे उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिली है. किसान उम्मीद करते हैं कि राज्य और केंद्र सरकार उनकी इस मांग पर जल्द सकारात्मक कदम उठाएगी.

जीआई टैग मिलने से बदनोर का लहसुन ब्रांड वैल्यू हासिल कर सकेगा

अगर बदनोर लहसुन को जीआई टैग मिल गया, तो यह सिर्फ किसानों की आमदनी नहीं बढ़ाएगा, बल्कि भीलवाड़ा जिले को देश के नक्शे पर कृषि उत्कृष्टता की नई पहचान भी दिलाएगा. कृषि विभाग के अनुसार, बदनोर और आसपास के गांवों में करीब 1300 हेक्टेयर क्षेत्र में लहसुन की खेती की जाती है, जिसमें 700 से अधिक किसान प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. यहां की मिट्टी, तापमान और जलवायु लहसुन की फसल के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है.

किसान सिंचाई के लिए बोरवेल और कुओं का उपयोग करते हैं, हालांकि कई बार बिजली की कमी और पानी की उपलब्धता एक चुनौती बनी रहती है. इसके बावजूद किसानों की मेहनत और तकनीक अपनाने की सोच उन्हें आगे बढ़ा रही है. बदनोर के लहसुन की सबसे बड़ी खासियत इसका स्वाद और टिकाऊपन है. यहां की फसल में नमी कम होने के कारण यह लंबे समय तक खराब नहीं होती और बाजार में इसकी मांग सालभर बनी रहती है.

यही वजह है कि प्रदेश के अन्य हिस्सों के व्यापारी भी बदनोर के लहसुन को प्राथमिकता देते हैं. जीआई टैग मिलने से बदनोर का लहसुन ब्रांड वैल्यू हासिल कर सकेगा. इससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे, साथ ही युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे. यदि सरकार स्थानीय किसानों के साथ मिलकर लहसुन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करे, तो यह क्षेत्र गार्लिक हब के रूप में उभर सकता है.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

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Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

October 29, 2025, 17:16 IST

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भीलवाड़ा के बदनोर में लहसुन के लिए GI टैग की मांग, किसानों को होगा फायदा

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