राजस्थान में बड़ा बदलाव संभव… सरकार हटाएगी दो बच्चों की शर्त, खुलेंगे चुनावी दरवाजे, मैदान में लौटेंगे कई नेता!

Last Updated:October 30, 2025, 18:38 IST
Rajasthan News: राजस्थान सरकार पंचायत और शहरी निकाय चुनावों में दो बच्चों की बाध्यता खत्म करने पर विचार कर रही है, प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में जाएगा, जिससे हजारों उम्मीदवारों को मौका मिलेगा.
जयपुर. राजस्थान सरकार पंचायत और शहरी निकाय चुनावों में दो बच्चों की बाध्यता खत्म करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. लंबे समय से उठ रही मांगों और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों के बाद सरकार ने इस नियम पर पुनर्विचार की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, पंचायती राज और स्वायत्त शासन विभाग से इस संबंध में अनौपचारिक रिपोर्ट मांगी गई है. अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो राज्य के हजारों ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका मिल सकेगा जो अब तक इस शर्त के कारण अयोग्य घोषित किए जाते थे.
वर्तमान में लागू नियम के अनुसार, जिन व्यक्तियों की दो से अधिक संतानें हैं, वे पंचायत या शहरी निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते. यह प्रावधान जनसंख्या नियंत्रण नीति के तहत लागू किया गया था. हालांकि, बीते कुछ वर्षों से यह नियम कई बार विवाद का कारण बना है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों को तीन संतान नीति में पहले ही छूट दी जा चुकी है. अब जनप्रतिनिधियों ने भी समान छूट की मांग तेज कर दी है.
सरकार दे सकती है राहतराज्य के यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने संकेत दिया है कि सरकार इस दिशा में राहत देने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि जब सरकारी कर्मचारियों को तीन संतान के नियम में छूट दी जा सकती है, तो जनप्रतिनिधियों के लिए अलग मानदंड क्यों रखा जाए. उन्होंने यह भी बताया कि यह मामला अब मुख्यमंत्री स्तर पर पहुंच चुका है और मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों से राय लेने के निर्देश दिए हैं. विभागों से सुझाव मांगे जा रहे हैं और जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष लाया जा सकता है.
जल्द कैबिनेट के सामने जाएगा प्रस्तावजानकारी के अनुसार, पंचायती राज विभाग इस नियम को समाप्त करने या संशोधित करने के संभावित विकल्पों पर काम कर रहा है. फिलहाल विभाग इस पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा. अगर कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह निर्णय राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव लाएगा. इससे न केवल हजारों इच्छुक उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा, बल्कि स्थानीय निकायों और पंचायतों में प्रतिनिधित्व का दायरा भी बढ़ जाएगा. सरकार का यह कदम ग्रामीण और शहरी जनप्रतिनिधियों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
October 30, 2025, 18:38 IST
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राजस्थान में बड़ा बदलाव संभव… सरकार हटाएगी ये शर्त, खुलेंगे चुनावी दरवाजे!



