Rajasthan

आयुष्मान योजना की आड़ में बड़ा खेल, भीलवाड़ा में पकड़ा गया डॉक्टर-दलाल नेटवर्क! इस तरह बनाता था शिकार

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पंकज छीपा को 11 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी डॉक्टर ने यह रिश्वत जयपुर निवासी कुलदीप के लिए मांगी थी. मामले में सामने आया है कि आरोपी ने सिद्धी विनायक हॉस्पिटल के मैनेजर को 75 लाख रुपए के जुर्माने का फर्जी नोटिस भिजवाया था. डॉ. पंकज छीपा ने आयुष्मान आरोग्य योजना के बिलों में अनियमितताओं का हवाला देते हुए बिल पास नहीं करने और अस्पताल को योजना से डी-पैनल करने की धमकी दी थी. इसी डर के जरिए 14 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई, बाद में सौदा 11 लाख रुपए में तय हुआ.

भीलवाड़ा एसीबी के इंस्पेक्टर नरपत सिंह चारण ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि अहिंसा सर्किल के पास आमेसर निवासी डॉक्टर पंकज छीपा को 11 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया. ट्रैप में कुल 11 लाख रुपए शामिल किए गए थे, जिनमें 2 लाख रुपए असली और 9 लाख रुपए डमी नोट थे. जांच में सामने आया है कि करीब डेढ़ लाख रुपए पंकज छीपा का हिस्सा था, जबकि साढ़े 9 लाख रुपए जयपुर निवासी कुलदीप को दिए जाने थे.

इस तरह बनाया जाता था दबाव
एसीबी जांच में सामने आया है कि आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज के बाद जो बिल बनते हैं, उन्हें योजना के पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है. इन बिलों का भुगतान नेशनल इंश्योरेंस एजेंसी लिमिटेड द्वारा किया जाता है. जयपुर निवासी कुलदीप इसी प्रक्रिया से जुड़ा हुआ था. उसे यह जानकारी मिल जाती थी कि किस अस्पताल का कितना बिल बना है और कितना बिल पास होना है. इसके बाद वह अपने साथी पंकज को सूचना देता था और अस्पताल प्रबंधन से डील तय करवाई जाती थी. डर दिखाकर बिल रोकने और कार्रवाई की धमकी देकर रुपए वसूले जाते थे. एसीबी इस बात की जांच कर रही है कि इससे पहले भी कितने अस्पतालों से इस तरह वसूली की गई.

सरकारी योजनाओं की आड़ में वसूलीप्राइवेट अस्पतालों में भामाशाह, चिरंजीवी मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना जैसी सरकारी योजनाओं के तहत इलाज किया जाता है. इलाज के बाद सरकार द्वारा अस्पतालों को भुगतान किया जाता है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर नियमों की आड़ में अस्पतालों से संपर्क किया जाता था और भुगतान रोकने का डर दिखाकर अवैध मांग की जाती थी. एसीबी अब यह भी जांच कर रही है कि इंश्योरेंस एजेंसी के अन्य कर्मचारी भी इस नेटवर्क में शामिल हैं या नहीं.

राजस्थान के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है नेटवर्क
नरपत सिंह चारण ने बताया कि चूंकि ये सरकारी योजनाएं पूरे राजस्थान में लागू हैं, इसलिए यह संभावना है कि आरोपी या उनके सहयोगियों ने अन्य जिलों में भी इसी तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया हो. इस एंगल से भी जांच की जा रही है और नेटवर्क की पूरी कड़ी खंगाली जा रही है.

मरीजों और परिजनों के लिए जरूरी सलाहएसीबी ने आम जनता से अपील की है कि अस्पताल में इलाज के दौरान बनने वाले बिलों की पूरी जांच करें. यह जरूर देखें कि जो इलाज हुआ है, उसी के अनुसार बिल बनाया गया है या नहीं. किसी भी ऐसे चार्ज को लेकर सतर्क रहें, जो इलाज में शामिल नहीं था. मरीजों और उनके परिजनों को अपने स्तर पर जागरूक रहना बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की अनियमितताओं से बचा जा सके.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj