एसआईआर में सामने आई बड़ी गफलत, जिंदा डॉक्टर को घोषित कर दिया मृत, मच गया बवाल, देखें वीडियो

Last Updated:November 25, 2025, 15:21 IST
Sawai Madhopur News : राजस्थान में निर्वाचन विभाग की देखरेख में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) अभियान में गंभीर लापरवाही सामने आई है. सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी शहर के जिंदा डॉक्टर का मृत घोषित कर दिया गया. पीड़ित डॉक्टर का आरोप है कि उसका नाम अभी तक मतदाता सूची में नहीं जोड़ा गया है.
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पीड़ित डॉक्टर का गुस्सा इस बात पर भी है कि संबंधित बीएलओ पर अभी तक एक्शन नहीं लिया गया है.
सवाई माधोपुर. राजस्थान में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) अभियान में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जिंदा डॉक्टर को मृत घोषित कर दिया गया. मामले का खुलासा होने के बाद अब बवाल मच गया है. पीड़ित डॉक्टर ने बीएलओ पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उनका कहना है कि जिंदा इंसान को मृत घोषित करना बीएलओ की कर्तव्य निष्ठा पर सवाल खड़ा करता है. फिलहाल पीड़ित डॉक्टर अपना नाम वापस जुड़वाने के लिए दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. पीड़ित का गुस्सा इस बात पर भी है कि अभी तक दोषी बीएलएओ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
जानकारी के अनुसार 72 वर्षीय सेवानिवृत्त आयुर्वेद चिकित्साधिकारी और कवि गोपीनाथ पुत्र महेशचंद शर्मा गंगापुर सिटी के वार्ड नंबर 33 के रहने वाले हैं. वे वहां नहर रोड पर रहते हैं. गोपीनाथ ने बताया कि 16 नवंबर तक उन्हें एसआईआर का परिगणना प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. इस पर उन्हें शक हुआ. उन्होंने जब बीएलओ छोटू खान से जानकारी ली तो पता चला कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. यह सुनकर वे स्तब्ध रह गए.
बीएलओ भगवान हो गया क्या?बकौल गोपीनाथ जीवित रहते हुए मृत घोषित करना न केवल अपमानजनक है बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया की गंभीर लापरवाही भी है. उन्होंने उप जिला निर्वाचन एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बृजेन्द्र मीना को शिकायत भी दी है. आरोप है कि उसके बावजूद अभी तक उनका नाम सूची में फिर से जोड़ा नहीं जा सका. वे उनके कार्यालय के लगातार चक्कर काट रहे हैं. वे कहते हैं कि ”मैं जिंदा हूं, मेरी सांस चल रही है. आपके सामने खड़ा हूं. फिर भी बीएलओ ने वोटर लिस्ट में मार दिया. बीएलओ भगवान हो गया क्या?”
भाग संख्या 109 में क्रमांक 532 पर नाम दर्ज हैगोपीनाथ ने बताया कि सन 2002 की मतदाता सूची के भाग संख्या 109 में क्रमांक 532 पर उनका नाम दर्ज है. उनके पास ईपिक नंबर भी हैं. इसके आधार पर उन्होंने गत लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान भी किया है. गोपीनाथ का कहना है कि चुनाव आयोग की मंशा बहुत सही है. शुद्धिकरण चल रहा है. प्रशासन सही काम कर रहा है. लेकिन ऐसे बीएलओ उनको बदनाम करते हैं. गोपीनाथ का कहना है कि या तो उनको डेथ सर्टिफिकेट दिया जाए या फिर उनका नाम फिर से वोटर लिस्ट में जोड़ा जाए.
गोपीनाथ इसलिए भी हैं ज्यादा नाराजगोपीनाथ इसलिए भी नाराज है कि इतनी बड़ी गफलत करने और एसडीएम को शिकायत देने के आठ दिन के बावजूद अभी तक बीएलओ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनका कहना है कि उन्हें मृत घोषित करना बीएलओ की कर्तव्यनिष्ठा पर शक पैदा करता है. अब क्या मेरा पुनर्जन्म होगा. एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी अजीत का कहना है कि बीएलओ को नोटिस देने के लिए लिखा गया है. गोपीनाथ का नाम वापस जुड़वाने के लिए फार्म भर दिया गया है.
संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर…और पढ़ें
संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर… और पढ़ें
Location :
Sawai Madhopur,Rajasthan
First Published :
November 25, 2025, 15:18 IST
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एसआईआर में सामने आई बड़ी गफलत, जिंदा डॉक्टर को घोषित कर दिया मृत, मच गया बवाल



