राजस्थान में बड़ा फार्मा फर्जीवाड़ा! हिमाचल की कंपनी सील, ₹20 लाख की नकली दवा जब्त

जयपुर. राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एलर्जी, खुजली और सर्दी-जुकाम में इस्तेमाल होने वाली लोकप्रिय दवा लिवोसिट्रीजीन डाईहाईड्रोक्लोराईड (विनसेट-एल) टेबलेट की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण रोक लगा दी है. सरकारी लैबोरेट्री में जांच के बाद यह दवा 100% नकली पाई गई है, जिसमें सक्रिय औषधीय घटक (Active Pharmaceutical Ingredient- API) बिल्कुल शून्य मिला. इस खुलासे ने मरीजों और चिकित्सकों में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि यह दवा देशभर के फार्मेसी स्टोर्स और अस्पतालों में धड़ल्ले से बिक रही थी.
ड्रग कंट्रोल कमिश्नर डॉ. टी. शुभमंगला ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के बद्दी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित वाईएल फार्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित विनसेट-एल टेबलेट (बैच नंबर- YLT-25023) की शिकायत मिलने पर सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, जयपुर में हुई हाई-परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (HPLC) जांच में दवा में लिवोसिट्रीजीन का अंश शून्य पाया गया. यानी मरीजों को दी जा रही गोली में केवल स्टार्च, चाक पाउडर और बाइंडर जैसे निष्क्रिय पदार्थ थे, जो किसी भी एलर्जी या सूजन में कोई राहत नहीं देते.
बद्दी स्थित कंपनी को कर दिया गया सील
नकली दवा के खुलासे के बाद विभाग ने तत्काल एक्शन मोड में आते हुए वाईएल फार्मा के बद्दी स्थित उत्पादन परिसर को सील कर दिया. राजस्थान में चलाए गए विशेष अभियान में 24 दवा फर्मों और मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया, जहां से लगभग 20 लाख रुपये मूल्य की नकली विनसेट-एल टेबलेट्स जब्त की गईं. इनमें से अधिकांश स्टॉक जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर के थोक विक्रेताओं के पास मिले. डॉ. शुभमंगला ने बताया कि यह नकली दवा न केवल मरीजों की बीमारी को बढ़ा रही थी, बल्कि अनजाने में एलर्जी के गंभीर हमलों का खतरा भी पैदा कर रही थी. मरीज दवा लेने के बाद भी राहत न मिलने पर डॉक्टर बदलते रहे, लेकिन असल समस्या नकली दवा थी.
जांच के लिए भेजे गए 53 दवाओं के सैंपल
विभाग ने सतर्कता बरतते हुए वाईएल फार्मा की अन्य 44 दवाओं के सैंपल और अन्य 3 संदिग्ध निर्माताओं की 9 दवाओं के सैंपल भी जांच के लिए भेजे हैं. इनमें एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक और एंटी-हिस्टामाइन दवाएं शामिल हैं. परिणाम आने के बाद और कंपनियों पर कार्रवाई हो सकती है. ड्रग कंट्रोल विभाग ने वाईएल फार्मा के निदेशकों और प्रबंधकों के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन धाराओं में 10 साल तक की कैद और भारी जुर्माना का प्रावधान है. साथ ही, कंपनी का लाइसेंस रद्द करने और उत्पादन इकाई बंद करने की सिफारिश केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को भेजी जा रही है.
मरीजों और फार्मासिस्टों के लिए एडवाइजरी
विनसेट-एल (बैच YLT-25023) का उपयोग तुरंत बंद करें.
स्टॉक में मौजूद दवा को ड्रग इंस्पेक्टर को सौंपें
दवा खरीदते समय बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी और QR कोड स्कैन करें.
संदेह होने पर हेल्पलाइन 1800-180-6399 या drugscontrol@rajasthan.gov.in पर संपर्क करें.



