पेरेंट्स को बड़ी राहत, 3 साल तक नहीं बढ़ेगी स्कूलों की फीस, स्कूल के बाहर से खरीद सकेंगे किताबें-यूनिफॉर्म

जयपुर. राजस्थान के स्कूली बच्चों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. फिलहाल तीन साल तक स्कूलों की फीस नहीं बढ़ेगी. इसके साथ ही बच्चे स्कूल के सिवाय कहीं और बाहर से भी किताबें और पढ़ाई का अन्य सामान खरीद सकेंगे. स्कूलों से ही किताबें यूनिफॉर्म खरीदने की बाध्यता खत्म कर दी गयी है. स्कूल शिक्षा विभाग ने नयी गाइड लाइन जारी की है जिसमें विस्तार से सब बातें बताई गयी हैं.
समय के साथ साथ शिक्षा विभाग नियमों में बदलाव करता है. नई गाइडलाइन जारी की जाती हैं. राजस्थान शिक्षा विभाग ने नयी गाइडलाइन जारी की है जो प्राइवेट और निजी सभी स्कूलों के लिए है. इस गाइडलाइन में विशेष रूप से किताबों, यूनिफॉर्म और फीस बढ़ोतरी को लेकर नियम तय किए गए हैं. अब बच्चों के पेरेंट्स स्कूल के अलावा बाजार से भी यूनिफॉर्म और किताबें खरीद सकेंगे. साथ ही फीस तय करने के लिए प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स की एक कमेटी का गठन करना होगा. यह कमेटी फीस तय करेगी. . इसमे फीस कमेटी के सभी सदस्यों का नाम, पता, मोबाइल नंबर प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपडेट करना जरूरी होगा.
कमेटी तय करेगी फीसगाइडलाइन के अनुसार कमेटी से अप्रूव की गई फीस से ज्यादा लेना अवैध होगा और ऐसे स्कूलों पर फीस एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है. पेरेंट्स से ली गई अतिरिक्त फीस लौटानी पड़ सकती है. कमेटी जो फीस तय करेगी वो 3 साल तक रहेगी. स्कूल से संबंधित इन बातों को लेकर विभाग ने 10 सूत्रीय गाइडलाइन जारी की है जो करीब 40 हजार प्राइवेट स्कूलों पर भी लागू होगी.
शिक्षा विभाग की गाइडलाइन1. राजस्थान के स्कूलों में समय पर पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का गठन हो. कमेटी के सदस्यों का नाम, पता और मोबाइल नंबर राजस्थान प्राइवेट स्कूल पोर्टल (PSP) पर अपडेट हों.
2. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी की ओर से अनुमोदित फीस को पीएसपी पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य है.
3. अनुमोदित फीस के अलावा किसी तरह का शुल्क वसूलना फीस एक्ट के खिलाफ है. स्कूल प्रशासन को फीस के नाम पर की गई वसूली को स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को लौटाना होगा.
4. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी से निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए होगी. प्राइवेट स्कूल जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई आदि से मान्यता प्राप्त हैं. उनके नियमों और उप नियमों की पालना करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा. इसकी जानकारी यानी लेखक का नाम, किताब की कीमत के साथ शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है, ताकि पेरेंट्स उन्हें बाजार से भी खरीद सकें.
5. प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री के लिए शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन होना चाहिए.
6. प्राइवेट स्कूलों में विशेष योग्यजन (दिव्यांग) और फीमेल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए नियमों का शत प्रतिशत पालन होना चाहिए.
7. स्टूडेंट्स पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायतों की त्वरित सुनवाई के साथ ही दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए.
8. प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए. इसमें स्टूडेंट से जुड़ी समस्याओं के साथ स्कूल मैनेजमेंट संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा हो. इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवाना अनिवार्य होगा.
9. शिक्षा विभाग की गाइडलाइन और सभी सूचनाओं को स्कूल को अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा.
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FIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 13:47 IST