Rajasthan

Bikaner News : इस समाज के लोग खाते है यह स्पेशल मिठाई, बिना पानी के बनती, कई महीनों तक नहीं होती है खराब

बीकानेर. बाजार में कई प्रकार की मिठाईयां मिलती हैं, जिनमें से हर एक मिठाई अपने आप में विशेष है. इनमें से एक ऐसी मिठाई है जिसे ज्यादातर जैन समाज के लोग खाते है. इसे कई लोग राजस्थानी मिश्री रोटी मिठाई कहते हैं, इसे लोग बड़े चाव से खाते हैं. इसकी डिमांड इतनी है कि लोग इसे अपने रिश्तेदारों तक भी भेजते हैं. यह मिठाई सालभर उपलब्ध रहती है, लेकिन सर्दी में इसकी डिमांड बढ़ जाती है. खासकर बच्चों को यह मिठाई पसंद आती है और इसे वे अपनी पहली पसंद मानते हैं. इसे छोटी पार्टियों और नाश्ता में भी बड़े चाव से शामिल किया जाता है.

दुकानदार रूपेश अग्रवाल ने बताया कि शहर में कई जगहों पर यहां की खास मिठाई मिश्री रोटी बनती है. इसे वह ‘दिल को छूने वाली मिठाई’ कहते हैं, और इसका पीले रंग का होना इसे और भी खास बनाता है. इस मिठाई की कई आकृतियां होती हैं, लेकिन ज्यादातर में दिल की आकृति की बनती है. रोजाना 15 से 20 किलो मिठाई बनती है और इसे लोगों के बीच पार्टी और उत्सवों में बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है. इस मिठाई की कीमत बाजार में 500 रुपए प्रति किलो है. यह बिना पानी की मिठाई होती है जो कई कई महीनों तक खराब नहीं होती है.

अग्रवाल ने बताया कि इस मिठाई को बनाने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है. इसमें मैदा, बेसन, पीसी हुई चीनी और देशी घी को मिलाकर एक खास मिश्रण बनाया जाता है. इसके बाद इस मिश्रण को तवे पर सेका जाता है, जिससे यह मिठाई एक खास खुरचन और स्वाद से भरी होती है. सेंकने के बाद, इस मिठाई को नारंगी कलर से सजाया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है. साथ ही, इसमें कतरन, बादाम, और पिस्ता भी डाले जाते हैं, जिससे इसका स्वाद और भी ज्यादा हो जाता है. सेंकने के बाद यह मिठाई पीछे से सुनहरी रंग की हो जाती है, जिससे उसका दृश्य भी बहुत ही आकर्षक होता है.रूपेश अग्रवाल ने बताया कि मिश्री रोटी खाने के कई फायदे हैं. सर्दी में अक्सर लोगों को खांसी-जुकाम की समस्या होती है, और मिश्री रोटी में इलायची पाउडर और केसर होने से यह शरीर को गरम बनाए रखने में मददगार होती है. केसर के एंटी-बैक्टीरियल गुण सर्दी-जुकाम को दूर रखने में सहायक होते हैं.

शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर मिश्री रोटी खाना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि मिश्री का सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ सकता है और ब्लड सर्कुलेशन भी सही बना रह सकता है. मिश्री के सेवन से डाइजेस्टिव सिस्टम बेहतर हो सकता है, क्योंकि इसमें डाइजेस्टिव गुण होते हैं, और मिश्री रोटी को हजम करना बहुत फायदेमंद हो सकता है.

Tags: Bikaner news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : October 6, 2024, 14:40 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj