हैदराबाद में बायोचार उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन

Last Updated:October 28, 2025, 14:29 IST
हैदराबाद में हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट परिसर में बायोचार उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन हुआ. यह केंद्र किसानों को बायोचार बनाने और उसका सही इस्तेमाल सिखाएगा, जिससे मिट्टी की सेहत बेहतर होगी, रासायनिक उर्वरक कम लगेगा और फसल की पैदावार बढ़ेगी. साथ ही, यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने और पराली जलाने जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाएगा.
हैदराबाद. तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में किसानों को टिकाऊ और लाभकारी खेती की नई तकनीक से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू हुई है. शहर के हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट परिसर में एक बायोचार उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया गया है. इस केंद्र का प्रमुख उद्देश्य किसानों को बायोचार बनाने और उसके प्रभावी इस्तेमाल की तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करना है.
सुशील शर्मा के अनुसार, यह केंद्र किसानों को पारंपरिक खेती के विकल्प के रूप में बायोचार तकनीक से अवगत कराएगा. इसके जरिए किसान ऐसी कृषि पद्धतियां अपना सकेंगे जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल होंगी, बल्कि लंबे समय तक चलने वाली और आर्थिक रूप से फायदेमंद भी साबित होंगी. यह पहल कृषि क्षेत्र में जलवायु-बुद्धिमान कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
बायोचार क्या है और यह कैसे काम करता हैबायोचार एक प्रकार का कोयले जैसा हल्का, काले रंग का पदार्थ है, जिसे कृषि अवशेषों जैसे धान की पुआल, फसलों के डंठल, लकड़ी के बुरादे आदि को उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की सीमित मात्रा में जलाकर तैयार किया जाता है. बायोचार मिट्टी में मिलाने पर स्थायी संरचना बनाता है, यह मिट्टी के पानी और पोषक तत्वों को सोखने और रोकने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे पौधों को लंबे समय तक पोषण मिलता रहता है. बेहतर मिट्टी स्वास्थ्य के कारण किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर होने वाले खर्च में कमी आती है, बायोचार स्वयं भी कुछ पोषक तत्व प्रदान करता है.
विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि बायोचार के इस्तेमाल से फसल की पैदावार में 18% से लेकर 100% तक की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. यह तकनीक वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को सैकड़ों वर्षों तक मिट्टी में संग्रहित करने में सक्षम है, जिससे जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिलती है. इस प्रक्रिया से किसानों को खेतों में पराली जलाने जैसी समस्या से भी निजात मिलती है. यह उत्कृष्टता केंद्र एक प्रशिक्षण और जागरूकता हब के रूप में कार्य करेगा. विभिन्न प्रकार के कृषि अवशेषों से बायोचार बनाने की व्यावहारिक विधियां सिखाई जाएंगी. बायोचार के सही इस्तेमाल और मिट्टी में इसकी उचित मात्रा के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस तकनीक के आर्थिक और पर्यावरणीय फायदों से अवगत कराया जाएगा. छोटे और बड़े स्तर पर बायोचार उत्पादन के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा.
Monali Paul
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
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Location :
Hyderabad,Telangana
First Published :
October 28, 2025, 14:29 IST
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हैदराबाद में बायोचार उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन, किसानों को मिलेगा लाभ



