Rajasthan

Recovery Under The Guise Of Average Electricity Bill – औसत बिजली बिल की आड़ में कर रहे वसूली

राजस्थान में 5 से 7 लाख बिजली मीटर बंद

भवनेश गुप्ता
जयपुर। बिजली मीटर खराब होने, जलने की आड़ में विद्युत उपभोक्ताओं को लगातार प्रोविजनल (औसत) बिल भेजे जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को पता ही नहीं है कि उनका वास्तविक बिजली उपभोग कितना है। इनमें कई मामलों में तो औसत बिल के जरिए ज्यादा रोकड़ वसूली जा रही है। जबकि, एक साल में ऐसे दो से ज्यादा बिल भेजने पर पाबंदी है। ऊर्जा मंत्रालय के इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर्स) रूल्स और राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के सप्लाई कोड में स्पष्ट अंकित है कि एक साल में 2 से ज्यादा प्रोविजनल बिल नहीं भेजे जा सकते हैं। लेकिन इसकी पालना तब हो जब खराब मीटर बदलने का काम पूरा हो। बताया जा रहा है कि राज्य में अभी 5 से 7 लाख उपभोक्ता को प्रोविजनल बिल भेजा जा रहा है।

उपभोक्ता जानें, क्या है उसके अधिकार

-नियमों के विपरीत प्रोविजनल बिल जारी करते हैं तो डिस्कॉम पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान है
-खराब मीटर नहीं बदलने और फिर भी लगातार प्रोविजनल बिल भेजने की स्थिति में डिस्कॉम को उपभोक्ता को बिल में 5 प्रतिशत छूट भी देनी होगी।
-ऐसी स्थिति में उपभोक्ता तब तक बकाया भुगतान करने से इनकार कर सकता है जब तक की उसे वास्तविक रीडिंग के अनुसार बिल जारी नहीं किया जाता।

डिस्कॉम के लिए यहां परेशानी
मीटर खराब या जलने के अलावा अन्य मामलों में भी प्रोविजनल बिल जारी किए जा रहे हैं। इनमें लम्बे समय बंद घर,दुकानें शामिल हैं। खासकर, बहुमंजिला इमारतों में बने आवास शामिल है। मीटर परिसर के भीतर के होने के कारण रीडिंग नहीं ली गई है। इन्हें भी औसत बिल भेजे जा रहे हैं।

यह है प्रावधान, जिसकी प्रभावी पालना में फेल
प्रावधान : शहरी क्षेत्रों में 24 घंटो के भीतर और ग्रामीण इलाकों में 72 घंटे के भीतर खराब मीटर बदलने का प्रावधान है। मीटर की अनुपलब्धता आपूर्ति की बहाली में देरी का कारण नहीं होगी।
हकीकत : ग्रामीण इलाकों में स्थिति बदतर है। कई दिनों तक मीटर नहीं बदले गए। कृषि विद्युत कनेक्शन के मीटर की संख्या ही लाखों में है। जयपुर शहर व ग्रामीण, भरतपुर शहर में खराब मीटर के हालात के कारण उर्जा सचिव के निर्देश पर अफसरों को चार्जशीट भी दी गई है।

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-खराब मीटर की जानकारी मिलते ही उन्हें बदलने के निर्देश दे रखे हैं। औसत बिल उन्हीं स्थिति में जारी करने पड़ रहे हैं जब मीटर में दिक्कत हो या फिर घर-दुकान बंद हो। -नवीन अरोड़ा, प्रबंध निदेशक, डिस्कॉम



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