BJP now focuses on tribals in southern Rajasthan | भाजपा का अब दक्षिणी राजस्थान में आदिवासियों पर फोकस
नड्डा के बाद अब शाह की प्रतापगढ़, डूंगरपुर-बांसवाड़ा क्षेत्र में सभा की तैयारी
जयपुर
Published: April 10, 2022 07:20:07 pm
जयपुर. प्रदेश में चुनाव में डेढ़ साल है, लेकिन भाजपा ने अभी से अपने कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। पूर्वी राजस्थान के बाद अब दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बेल्ट पर भाजपा ने नजर गड़ाई है। दक्षिणी राजस्थान से गुजरात की सीमा भी जुड़ी हुई है। इस साल गुजरात में चुनाव प्रस्तावित है। ऐसे में राजस्थान के साथ ही गुजरात तक के क्षेत्र में आदिवासियों में अपना जनाधार बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है। इन क्षेत्रों में भाजपा नेता जाकर संदेश देंगे कि आदिवासियों के लिए जो किया, वह केंद्र की अटल बिहारी और नरेन्द्र मोदी सरकार ने ही किया है।
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का मानना है कि आदिवासी क्षेत्र में 2018 के चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। पूर्वी राजस्थान में कमजोर स्थिति फिर न रहे, इसके लिए हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पूर्वी राजस्थान के एसटी वर्ग के प्रमुख नेताओं और समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक करवाई गई थी। बैठक में नड्डा ने यही समझाने की कोशिश की थी कि आदिवासियों के लिए भाजपा की सरकारों ने बहुत कुछ किया। उन्होंने ऐसे कई उदाहरण भी दिए। अब पार्टी ने इस रणनीति को आगे बढ़ाया है और डूंगरपुर-बांसवाड़ा क्षेत्र पर भी नजर गड़ा ली है।
पार्टी इस क्षेत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक बड़ी सभा करवाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए शाह से सम्पर्क किया गया है। प्रतापगढ़-डूंगरपुर-बांसवाड़ा का एक हिस्सा गुजरात से भी लगता है। इस साल गुजरात में भी चुनाव प्रस्तावित है। ऐसे में पार्टी की योजना है कि एक रैली से एक पंथ दो काज किए जाएं। राजस्थान के आदिवासियों के जरिए गुजरात सीमा से सटे इलाकों में भी केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जाए।

amit shah
तीन जिलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी भाजपा वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी डूंगरपुर-बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिलों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। बांसवाड़ा की पांच में से दो सीटें ही भाजपा जीत पाई थी। इसी तरह
डूंगरपुर में चार में से एक ही सीट भाजपा जीत पाई। प्रतापगढ़ जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार हार गए। प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर लम्बे समय से भाजपा का कब्जा रहा था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली।
बीटीपी की ताकत का भी किया जा रहा आकलन भाजपा इस आकलन में भी जुटी है कि भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का अगले चुनाव में इस क्षेत्र में कितना असर रहेगा। 2018 के चुनाव में पहली बार में ही बीटीपी इन क्षेत्रों में दो विधायक बनाने में कामयाब रही थी। डूंगरपुर जिले की चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा में बीटीपी अपने विधायक बनाने में कामयाब रही थी। पार्टी ने डूंगरपुर जिले की अन्य सीटों पर भी कड़ी टक्कर दी। आसपुर विधानसभा में बीटीपी उम्मीदवार दूसरे नम्बर पर रहा। इसी तरह डूंगरपुर विधानसभा सीट पर बीटीपी उम्मीदवार तीसरे नम्बर पर रहा था। इसी तरह बांसवाड़ा जिले की तीन विधानसभा सीटों बागीदौरा, गढ़ी और घाटोल में भी बीटीपी ने अपनी उपिस्थति दर्ज करवाई।
कोटा और अजमेर संभाग में भी बड़े कार्यक्रम करवाने की योजना डूंगरपुर-बांसवाड़ा के साथ-साथ कोटा और अजमेर संभाग में भी बड़े नेताओं के कार्यक्रम करवाए जाने की योजना बनाई जा रही है। अजमेर में पार्टी का बूथ सम्मेलन प्रस्तावित है, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बुलाया जाएगा। इसी तरह कोटा में भी एक बड़ा कार्यक्रम करने की योजना बन रही है। इसमें भी जे पी नड्डा को बुलाने की योजना बनाई जा रही है।
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