Bjp Rajasthan Politics – भाजपा में मांगने से कुछ नहीं मिलता, कौन क्या बनेगा यह पार्टी को तय करने दो

– भाजपा के मिशन 2023 के तहत कुंभलगढ़ में चिंतन बैठक
– कई बड़े नेता रहे मौजूद, लेकिन वसुंधरा राजे, गजेन्द्र सिंह शेखावत, भूपेन्द्र यादव की रही गैरमौैजूदगी
– प्रदेश की गहलोत सरकार पर तेज होंगे भाजपा के हमले, संगठन की मजबूती पर भी होगा काम

अरविन्द सिंह शक्तावत
जयपुर, कुम्भलगढ़ ।
भाजपा के मिशन 2023 के तहत पार्टी की दो दिवसीय चिंतन बैठक मंगलवार से कुंभलगढ़ में शुरू हुई। इस बैठक में पहले दिन प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई और साथ ही भाजपा को बूथ स्तर तक मजबूती मिले। इसको लेकर चर्चा की गई। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि भाजपा एक कैडर बेस पार्टी है। यहां मांगने से कुछ नहीं मिलता। पार्टी जहां जिसका सही उपयोग समझती है, उसे वह जिम्मेदारी मिल जाती है। भाजपा व्यक्तिवादी पार्टी नहीं है। बैठक में कई नेता मौजूद रहे, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा वसुंधरा राजे के नहीं आने को लेकर रही। उनके अलावा केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और भूपेन्द्र यादव भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंच सके।
कुंभलगढ़ के एक रिजॉर्ट में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष की अध्यक्षता में शुरु हुई बैठक में सबसे पहले राजस्थान की राजनीति और सामाजिक स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके बाद अलग-अलग विषयों पर पांच सत्र हुए, जिनमें गहलोत सरकार को लेकर भी चर्चा हुई और संगठन पर भी चर्चा हुई। नेताओं ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार से जनता परेशान है। सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किए जाएंगे। बैठक में सुबह से शाम तक विभिन्न सत्रों में वरिष्ठ नेताओं में प्रदेश में कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर अपने आप को मजबूत करने, केन्द्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने पर चर्चा हुई। सभी नेताओं से अलग-अलग विषयों पर बोलने को भी कहा गया।
बैठक शुरू होने से पहले कई राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं ने दुर्ग स्थित महाराणा प्रताप के जन्मकक्ष में जाकर प्रताप को नमन किया।
बैठक में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, वासुदेव देवनानी समेत कई वरिष्ठ नेता और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक बुधवार दोपहर तक चलेगी। बी एल संतोष का बुधवार सुबह ही दिल्ली जाने का कार्यक्रम है।
बैठक स्थल पर नेटवर्क तक नहीं
भाजपा ने सत्र के दौरान की चर्चा बाहर ना जाए। इसके लिए एेसा रिजॉर्ट चुना, जहां मोबाइल का नेटवर्क तक नहीं है। सभी नेताओं से कोई सम्पर्क तक नहीं कर सका। यहां तक कि नेताओं का निजी स्टाफ भी अपने नेता तक नहीं पहुंच सका।
बैठक पर गुटबाजी का साया भी रहा
भाजपा के प्रदेश के नेताओं के बीच की गुटबाजी का साया भी चिंतन बैठक पर दिखा। जो नेता नहीं आए, उनके यूं तो अपने-अपने कारण थे, लेकिन इसे गुटबाजी से जोड़कर भी देखा गया। बताया जा रहा है कि संगठन महामंत्री बी एल संतोष और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह नहीं चाहते कि कोई भी गुटबाजी की बात पर सार्वजनिक चर्चा हो। इसलिए इस मामले में दो-तीन नेताओं के बीच ही चर्चा हुई।
भाजपा आमजन की पार्टी- बी एल संतोष
पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने बैठक में कहा कि राजस्थान की यह भूमि त्याग एवं तपस्या की भूमि है। इस भूमि का कण-कण वीरता और शोर्य की गाथा को गाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा विश्व की नम्बर एक पार्टी बन गई है। पार्टी को स्थाई व मजबूत बनाने के लिए सबको जन भावनाओं के अनुसार कार्यक्रम भी बनाने पड़ेगे और काम भी करना पड़ेगा। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस पूरे देश में आंतरिक गुटबाजी से जूझ रही है और उनकी प्राथमिकता जनता के समस्या के समाधान की नहीं है। उनकी प्राथमिकता अपनी व अपनी पार्टी की समस्या का समाधान करना है। राजस्थान महिला उत्पीडऩ में नम्बर एक पर पहुंच गया है। दलितों की सरेआम हत्या हो रही है। यहां कानून का शासन नहीं, जंगलराज है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहींं है। किसान परेशान है, युवा दुखी है। महिलाओं, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं।