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black ibis makes nest on electric poles and towers – News18 हिंदी

निखिल स्वामी/बीकानेर:- आमतौर पर पक्षी अपना आशियाना यानी घोंसला पेड़ो पर बनाता है. लेकिन एक ऐसा पक्षी भी है, जो अपना घोंसला पेड़ों पर नहीं, बल्कि बड़े-बड़े टावर और बिजली के खंभों पर बनाता है. सुनने में भले ही अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है. बीकानेर में काले आईबीज पक्षी, बीकानेर के जयपुर और जोधपुर हाईवे के बड़े-बड़े टावर और बिजली के खंभों पर अपने घर बना रहे हैं. इन हाईवे पर हर दूसरे और तीसरे टावर और खंभो पर उनका घर देखने को मिल रहा है.

एक तरफ बिजली के टावर कई पक्षियों की मौत का कारण बन रहे हैं, वहीं काले आइबिस के लिए यह टावर वरदान साबित हो रहा है. इन टावरों के करीब 50 से 60 फीट की ऊँचाई पर यह पक्षी घोंसला बनाते हैं. इनके घोंसले बीकानेर जोधपुर-जयपुर बाईपास से लेकर सेरूणा तक काफी संख्या में दिखाई देते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पेड़ के कटाव व आवास समाप्त होने के कारण यह टावरों पर घोंसला बना रहे हैं. यह काले आइबिस एक कॉलोनी में रहते है.

इसलिए टावर और खम्भों पर बना रहे घोंसलें
पक्षी विशेषज्ञ डॉ. दाऊलाल बोहरा ने बताया कि बीकानेर में इस प्रजाति का प्रजनन प्राकृतिक रूप से हो रहा है. काले आईबीज को आईयूसीएन की रेड लिस्ट में रखा गया है. यह प्रजाति जहां पानी ज्यादा होता है, उसके आस-पास अपने घोंसले बनाते हैं. वैसे तो यह प्रजाति ऊंचे पेड़ों पर अपना घोंसला बनाते हैं, लेकिन यहां रोजाना बड़े-बड़े पेड़ काटे जा रहे है और अब गिनती के बड़े पेड़ रह गए है. ऐसे में यह पक्षी बड़े-बड़े टावर और बिजली के खंभों पर अपना घोंसला बना रहे हैं. यह पक्षी एक बार में दो से तीन अंडे देते हैं. ऐसे में अब इस पक्षी का प्रजनन सफलतापूर्वक बढ़ता जा रहा है.

पश्चिमी राजस्थान में सबसे बड़ा पक्षी है आईबीज
डॉ. दाऊलाल बोहरा ने बताया कि इन पक्षियों की खूबी यह है कि यह मांसाहारी और शाकाहारी होते हैं. यह काले आईबीज पूरे नॉर्थ इंडिया में पाए जाते है. लेकिन राजस्थान में इनकी प्रजनन सबसे अधिक है, जबकि बीकानेर में इनके घोंसले ज्यादा होने के साथ ही संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. इनके प्रजनन का समय फरवरी से अप्रैल के बीच होता है. वल्चर के बाद पश्चिमी राजस्थान के पक्षियों की लिस्ट में यह सबसे बड़ा पक्षी है. पिछले दस सालों से इनकी संख्या बढ़ रही है. सीवरेज वाटर प्लांट, भोजन व टावर पर्याप्त रूप से मिलते हैं. यह पक्षी ईस्ट पाकिस्तान, अफगानिस्तान भी जाते हैं.

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यह है इस पक्षी की खासियत
यह आइबिस काले रंग का होता है और इनकी लंबी चोंच 14 सेंटीमीटर के आस-पास होती है. कंधे पर एक सफेद पेच के साथ काले रंग का सिर भी होता है. पंख और पूंछ नीले-हरे रंग की चमक के साथ काले होते हैं, जबकि गर्दन और शरीर भूरे रंग के होते हैं. कंधे पर एक सफेद पेच खड़ा होता है और पंखहीन सिर के ऊपर चमकीले लाल त्वचा का एक पेच होता है. एक बार में करीब 40 से 50 काले आइबिस एक साथ उड़ते हैं. इनके घोंसले में दो से तीन बच्चे होते है और दूसरे पक्षी भी इनके घोंसले में अंडे भी देते है. काले आइबिस कीड़े, बेडूक और अनाज खाते हैं और पानी में केकड़े व मेंढकों की तलाश करते हैं. सूखे के दौरान वे मांस के रूप में कीड़े और कीट लार्वा खाते हैं. वे मूंगफली और अन्य फसलों पर भी फीड करते हैं.

Tags: Bikaner news, Bird, Local18, Rajasthan news

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