BLO Salary: वोटर लिस्ट बनाने वाले बीएलओ पर काम का कितना दबाव? सिर्फ 12000 रुपये मेहनताने में कर रहे 4 बड़े काम

Last Updated:November 24, 2025, 14:17 IST
BLO Salary: बूथ लेवल ऑफिसर चुनाव आयोग के सबसे महत्वपूर्ण फील्ड कर्मचारी हैं. वे घर-घर जाकर वोटर लिस्ट अपडेट करते हैं. अपनी प्रमुख नौकरी के साथ-साथ यह जिम्मेदारी निभाने के कारण BLO पर काम का बोझ और मानसिक तनाव बढ़ रहा है.
BLO Salary: इन दिनों बीएलओ पर काम का अत्यधिक प्रेशर है
नई दिल्ली (BLO Salary). भारतीय लोकतंत्र का आधार मतदाता सूची होती है और इस सूची को सही रखने का काम करते हैं बूथ लेवल ऑफिसर (BLO). बीएलओ यानी बूथ स्तर के अधिकारी चुनाव आयोग के सबसे छोटे लेकिन सबसे जरूरी कर्मचारी होते हैं. इन्हें एक खास पोलिंग बूथ की जिम्मेदारी दी जाती है. इनका काम केवल चुनाव के दिन वोट डलवाना ही नहीं होता, बल्कि ये पूरे साल घर-घर जाकर यह पक्का करते हैं कि वोट डालने लायक सभी लोगों के नाम लिस्ट में शामिल हों और गलत नाम हटा दिए जाएं.
बीएलओ चुनाव आयोग और आपके घर के बीच सीधा पुल बनाते हैं. अक्सर स्कूल के शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या अन्य सरकारी कर्मचारी ही बीएलओ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं. मतदाता सूची में नए नाम जोड़ना, जो लोग मर गए हैं या कहीं और चले गए हैं, उनके नाम हटाना और पते जैसी जानकारियां ठीक करना- यह सब बीएलओ के काम का हिस्सा है. हालांकि, यह काम उन्हें अपनी मूल नौकरी के साथ करना पड़ता है, जिस कारण उन पर काम का बोझ और तनाव बढ़ जाता है.
बीएलओ कौन होते हैं और उनकी नियुक्ति कैसे होती है?
बीएलओ मतदान केंद्र (बूथ) स्तर पर कार्य करने वाला अधिकारी होता है. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) के अनुमोदन से निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) इनकी नियुक्ति करते हैं. आमतौर पर केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी (जैसे शिक्षक, पटवारी/लेखपाल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आदि) को बीएलओ नियुक्त किया जाता है.
बीएलओ क्या करते हैं?
बीएलओ का मुख्य काम अपने आवंटित मतदान क्षेत्र की मतदाता सूची को हमेशा त्रुटिरहित रखना होता है:
घर-घर वेरिफिकेशन: वे घर-घर जाकर नए 18+ मतदाताओं, ट्रांसफर हुए मतदाताओं और मृतकों की पहचान करते हैं.
सूची अपडेट: मतदाता सूची में नाम जोड़ने (फॉर्म 6), हटाने (फॉर्म 7) और सुधारने (फॉर्म 8) के लिए आवेदनों को प्रोसेस और वेरिफाई करते हैं.
जन जागरूकता: वे मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया और मतदाता सूची में रजिस्ट्रेशन के बारे में जागरूक करते हैं.
मतदान केंद्र का प्रबंधन: चुनाव के दिन वे अपने बूथ पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
बीएलओ की सैलरी कितनी होती है?
बीएलओ को यह काम उनकी मुख्य सरकारी नौकरी के अतिरिक्त सौंपा जाता है. इसलिए उन्हें वेतन नहीं, बल्कि मानदेय (Honorarium) दिया जाता है.
वार्षिक मानदेय: चुनाव आयोग ने बीएलओ का न्यूनतम वार्षिक मानदेय पहले ₹6,000 से बढ़ाकर ₹12,000 कर दिया है.
प्रोत्साहन: विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे बड़े अभियानों के दौरान किए गए अतिरिक्त कार्यों के लिए उन्हें ₹2,000 से ₹6,000 तक की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है.
क्यों चर्चा में हैं बीएलओ?
बीएलओ आज-कल विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर चर्चा में हैं, जिसके तहत हर मतदाता का वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है. उन्हें कम समय में घर-घर जाकर फॉर्म भरने, पुराने 2002-2004 की मतदाता सूची से नामों का मिलान करने और इस डेटा को ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करने का भारी दबाव झेलना पड़ रहा है. काम के अत्यधिक दबाव के कारण कुछ बीएलओ की आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आई हैं, जिससे उनके कार्यभार और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं.
About the AuthorDeepali Porwal
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi…और पढ़ें
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi… और पढ़ें
First Published :
November 24, 2025, 14:17 IST
homecareer
वोटर लिस्ट बनाने वाले BLO पर काम का कितना दबाव? कितना मिलता है मेहनताना?



