बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार, जिसे लता मंगेशकर मानती थीं गुरु, ‘देवदास’ बनने के बाद नशे की लत में हुआ था बर्बाद

Last Updated:April 26, 2025, 23:36 IST
हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार जो नशे की लत की वजह 42 साल की उम्र में चल बसे थे. उन्हें किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर जैसे दिग्गजों ने अपना गुरु माना है. वे गायकी के अलावा एक्टिंग में भी माहिर थे, जिनके…और पढ़ें
एक्टर तब सिर्फ 42 साल के थे. (फोटो साभार: Instagram@k.l.saigalfan)
हाइलाइट्स
एक्टर हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार थे.’देवदास’ फिल्म ने एक्टर को सुपरस्टार बना दिया था.शराब की लत से 42 साल की उम्र में एक्टर का निधन हुआ था.
नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक कलाकार हुए हैं. राज कपूर से लेकर अमिताभ बच्चन तक, कई एक्टर्स ने अलग-अलग दौर पर राज किया. आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन स्टारडम कल्चर राजेश खन्ना से भी पुराना है. भारत जब अंग्रेजों की बेड़ियों से आजाद भी नहीं हुआ था, तब भारतीय सिनेमा पर एक ऐसे सितारे का बोलबाला था, जिनके स्टारडम के आगे शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन जैसे स्टार की लोकप्रियता भी बौनी लगती थी.
कुंदन लाल सहगल 30 और 40 के दशक में मशहूर हुए. वे एक बेहतरीन गायक और एक्टर थे. अगर उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार कहें, तो गलत नहीं होगा. जम्मू में जन्मे केएल सहगल ने अपनी मां से गाना सीखा, जो उन्हें बचपन में भजन और कीर्तन में ले जाती थीं. उन्होंने 30 के दशक की शुरुआत में कलकत्ता में एक सिंगर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने 1932 में फिल्म ‘मोहब्बत के आंसू’ से अभिनय की शुरुआत की.
‘देवदास’ बनकर छा गए गए थे केएल सहगलकेएल सहगल ने अपने पहली कुछ फिल्मों के लिए ‘सहगल कश्मीरी’ नाम इस्तेमाल किया, लेकिन वे सभी फ्लॉप रहीं. उनकी सफलता 1933 की फिल्म ‘पूरन भगत’ से आई, जिसमें उनके भजन हिट हो गए. इसके बाद ‘चंडीदास’ और ‘यहूदी की लड़की’ जैसी फिल्में आईं. उन्होंने 1935 में वो रोल निभाया, जिसने उन्हें खास पहचान दी. वे ‘देवदास’ बनकर छा गए. पीसी बरुआ की इस फिल्म ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया. केएल सहगल ने ‘प्रेसिडेंट’, ‘धरती माता’, ‘स्ट्रीट सिंगर’ और ‘दुश्मन’ जैसी हिट फिल्में दीं. उन्होंने इस बीच कुछ बंगाली फिल्मों में भी काम किया.
लिवर की बीमारी से गई जानकेएल सहगल 1941 में बॉम्बे चले गए और ‘तानसेन’ और ‘माई सिस्टर’ जैसी हिट फिल्में दीं. लेकिन अब तक वे शराब के नशे आदी हो गए. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वे सेट पर तभी आ पाते थे जब नशे में होते थे. उनकी शराब पर निर्भरता ने उनके जीवन पर गहरा असर डाला. उन्होंने 1946 में ‘शाहजहां’ और ‘उमर खैय्याम’ और 1947 में ‘परवाना’ जैसी हिट फिल्में दीं. ‘परवाना’ उनकी अंतिम फिल्म थी, जो उनके देहांत के बाद रिलीज हुई थी. केएल सहगल 1947 की शुरुआत में अपने शहर जालंधर गए, जहां उनकी लिवर फेलियर से मृत्यु हो गई. वे तब सिर्फ 42 साल के थे. उन्हें किशोर कुमार, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे दिग्गज अपना गुरु मानते थे.
First Published :
April 26, 2025, 23:34 IST
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