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बोरवेल और ट्यूबवेल खोदने से पहले राजस्थान में लेनी होगी 15 दिन पहले अनुमति, नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई…

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 08, 2025, 21:12 IST

Karauli News : अब से ट्यूबवेल खोदने से पहले भूमि, परिसर के स्वामी को बोरवेल, ट्यूबवेल निर्माण शुरू करने से पहले कम से कम 15 दिन पहले लिखित में सूचना देनी होगी, सूचना संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को प्रस्तुत की…और पढ़ेंबोरवेल और ट्यूबवेल खोदने से पहले राजस्थान में लेनी होगी 15 दिन पहले अनुमति...

बोरवेल और ट्यूबवेल खोदने से पहले लेनी होंगी अनुमति 

हाइलाइट्स

राजस्थान में ट्यूबवेल खोदने से पहले 15 दिन पहले अनुमति लेनी होगी.बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने पर बड़ी कार्रवाई होगी.राजधारा पोर्टल पर ट्यूबवेल की जानकारी अपलोड करनी होगी.

करौली. ट्यूबवेल से जुड़ी एक काम की खबर है. राजस्थान में बोरवेल-ट्यूबवेल के कारण आए दिन होने वाले हादसों को देखते हुए अब कहीं पर भी ट्यूबवेल खुदाने से पहले भूमि के मालिक को जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति के ट्यूबवेल खुदाने पर जिम्मेदार व्यक्ति पर बड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. राजस्थान में आए दिन खुले पड़े बोरवेल और ट्यूबवेल में बच्चों के गिरने के कारण और आए दिन दर्दनाक हादसों को देख़ते हुए ट्यूबवेल खोदने से पहले व्यक्ति को इन कुछ नियमों से गुजरना पड़ेगा.

जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर बताया है कि खुले या परित्यक्त बोरवेल, ट्यूबवेल या कुओं में बच्चों के गिरने के कई मामले सामने आये है भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए तत्काल रूप से आवश्यकता को देखते हुए एवं केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार निम्न उपाय किये जाने के संबंध में निर्देश जारी किये गये है.

जानकारी के अनुसार अब से ट्यूबवेल या बोरवेल खोदने से पहले भूमि, परिसर के स्वामी को बोरवेल, ट्यूबवेल निर्माण शुरू करने से पहले कम से कम 15 दिन पहले लिखित में सूचना देनी होगी, सूचना संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को प्रस्तुत की जाएगी तथा सूचना को डीओआईटी, जीओआर द्वारा विकसित राजधारा पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा.

जिला कलेक्टर ने बताया कि ड्रिलिंग एजेंसीयों सरकारी, अर्द्धसरकारी, निजी आदि को अनिवार्य रूप से डीओआईटी, जीओआर द्वारा विकसित राजधारा पोर्टल पर पर ड्रिलिंग रिग का पंजीकरण कराना होगा तथा उनके द्वारा ड्रिल किये गये सभी बोरवेल की जानकारी पोर्टल पर देनी होगी. उन्होंने बताया कि निर्माण के समय नलकूप के पास नलकूप के निर्माण, पुर्नवास करने वाली ड्रिलिंग एजेंसी व उपयोगकर्ता एजेंसी, मालिक के नाम पते के विवरण का साइन बोर्ड लगाना होगा, निर्माण के दौरान कांटेदार तार की बाड लगाना या कोई अवरोधक दीवार का निर्माण करना, कार्य पूरा होने के बाद गड्ढों और चैनलों को मिट्टी की परत से भरना होगा.

जिला कलेक्टर ने यह भी बताया कि नलकूप के चारों ओर सीमेंट कंक्रीट के एक प्लेटफार्म का निर्माण किया जाएगा जिसकी साईज 0.50×0.50×0.60 मीटर होगी जो जमीन से 0.30 मीटर उपर व 0.30 मीटर नीचे होगी, स्टील की एक केप होगी जो नलकूप के उपर वेल्ड की जाएगी अथवा नटवोल्ट से फिक्स की जाएगी, मोटरपम्प मरम्मत के दौरान नलकूप को खुला नहीं छोडा जाएगा.

उन्होंने बताया सभी नए तथा पुराने नलकूप, समस्त अकार्यशील बोरवेल जो चालू हालत में नहीं है, कोई बोरवेल विफल या अधुरा रह जाए जो उसकी सूचना उपयोगकर्ता, एजेंसी द्वारा राजधारा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. जल जीवन मिशन के तहत मौजूदा ट्यूबवेल के बारे मेे अधिक जानकारी पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है.

उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर निगरानी किये जाने हेतु निगरानी समिति की गठन किया गया है जिसमें जिला कलेक्टर अध्यक्ष सहित 7 अन्य सदस्य होंगे. जिला कलेक्टर ने बताया की साइट निरीक्षण के दौरान कार्यकारी एजेंसी, प्राधिकारी द्वारा इन निर्देशों का उल्लघंन किये जाने पर एनओसी रद्द की जा सकती है, बोरवेल ट्यूबवेल को सील किया जा सकता है, जुर्माना लगाया जा सकता है, दूर्घटना की स्थिति में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है. उन्होंने इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को जारी किये है.


Location :

Karauli,Rajasthan

First Published :

February 08, 2025, 21:12 IST

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बोरवेल और ट्यूबवेल खोदने से पहले राजस्थान में लेनी होगी 15 दिन पहले अनुमति…

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