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BPSC Story: 10वीं में 74% अंक, गटर किनारे बेची सब्जियां, फिर BPSC क्रैक करके ऐसे बनीं अफसर   

BPSC Success Story: हर इंसान ऊंचाइयों को छूने का सपना देखते हैं, लेकिन कई बार परिस्थितियां इस राह में बाधा बन जाती हैं. इन्हीं मुश्किलों को पार करके बिहार के मधुबनी की पूजा कुमारी (Pooja Kumari) ने 67वीं बीपीएससी परीक्षा में 986 रैंक हासिल की और आज वह सब डिविजनल वेलफेयर ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. इनकी कहानी बताती है कि अगर जिद, जुनून और मेहनत किया जाए, तो हर मंजिल को पाया जा सकता है.

कठिनाइयों भरा बचपनBPSC में 986 रैंक हासिल की करने वाली पूजा (Pooja Kumari) का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता 2007 में रोज़गार की तलाश में दिल्ली चले गए. आर्थिक तंगी के कारण पूजा को बचपन से ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. वर्ष 2009 में कक्षा 10वीं की परीक्षा से एक रात पहले उन्हें सिलाई करनी पड़ी, फिर भी उन्होंने 74% अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की. वर्ष 2011 में कक्षा 12वीं में काम के दबाव के कारण उनके अंक थोड़े कम हुए, लेकिन उन्होंने 64% अंकों के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की.

इंजीनियर बनने का सपना और नया रास्तापूजा कक्षा 12वीं पास करने के बाद इंजीनियर बनना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने AIEEE का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने सीएम साइंस कॉलेज से ग्रेजुएशन शुरू किया. वर्ष 2013 में परिवार में हुई एक घटना ने उन्हें सिविल सर्विसेज की अहमियत समझाई और उन्होंने इस क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला किया.

गटर के किनारे बेची सब्जियांग्रेजुएशन के बाद पूजा अपने भाई के साथ दिल्ली आईं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहां उन्होंने अपने माता-पिता के साथ गटर के किनारे दुकान लगाने और लॉकडाउन के दौरान सब्जी बेचने जैसे काम किए. इस दौरान उनके भाई ने उन्हें सिविल सर्विसेज की तैयारी में मदद करने का निर्णय लिया और दोनों ने मिलकर इस सपने को पूरा करने की योजना बनाई.

बीपीएससी की तैयारी और असफलताओं से सीखबीपीएससी की तैयारी करते हुए पूजा ने कई बार असफलताएं देखीं. पहले दो प्रयासों में उन्होंने प्रीलिम्स पास किया लेकिन मेन्स में असफल रहीं. तीसरे प्रयास में उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम किया और आखिरकार सफलता हासिल की. उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू तीनों चरणों को सफलतापूर्वक पार किया. यह सफलता न केवल पूजा की, बल्कि उनके परिवार और समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है. उनका सफर दिखाता है कि कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से हर चुनौती को हराया जा सकता है.

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Tags: BPSC, Success Story

FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 14:12 IST

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