ब्रेंडन मैक्कलम: आईपीएल और टेस्ट क्रिकेट को राह दिखाने वाला बल्लेबाज

Last Updated:March 22, 2025, 12:25 IST
आईपीएल के हर सीजन के आते ही बरबस वो साल 2008 की वो पारी जेहन में आ जाती है जिसने आईपीएल को एक नई पहचान दी. 2025 में भी वहीं दो टीमें कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु ओपनिंग मैच खेलेगी जो 2008 में…और पढ़ें
मैक्कलम ने आईपीएल की पहली पारी और टेस्ट की अंतिम पारी में लगाया था शतक
हाइलाइट्स
ब्रेंडन मैक्कलम ने 2008 में आईपीएल को नई पहचान दी.मैक्कुलम ने 2016 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक बनाया.मैक्कुलम ने इंग्लैंड के कोच के रूप में ‘बेजबॉल’ शैली को बढ़ावा दिया.
नई दिल्ली. इंडिया का सबसे बड़ा त्योहार कह ले या क्रिकेट का सबसे बड़ा बाजार जो फिर सजने वाला है धूम धड़ाका होने वाला है अगले दो महीने लगातार टीवी स्क्रीन पर रंगीन जर्सियों में खिलाड़ियों का बोलबाला रहने वाला है और ये सब 17 सालों से इसलिए उसी जोश और जुनून के साथ हो पाता है क्योंकि साल 2008 में इस टूर्नामेंट के पहले मैच में वो हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नही की थी.
2025 में भी वहीं दो टीमें कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु ओपनिंग मैच खेलेगी जो 2008 में खेली थी. तब कोलकाता के लिए खेल रहे ब्रैंडन मैक्कलम ने धुंआधार शतक लगाकर टी-20 और आईपीएल के क्रेज को आसान पर पहुंचा दिया था. यहीं बल्लेबाज जब अपनी आखिरी टेस्ट पारी खेलने उतरा तो उसने टेस्ट क्रिकेट को भी अपनी बल्लेबाजी से अलग रास्ता दिखा दिया.
आईपीएल के पहले मैच और टेस्ट की अंतिम पारी में शतक
आज आईपीएल में पैसा है ग्लैमर की चकाचौंध है ढेर सारा पैसा है और खिलाड़ियों के लिए IPL खेलना स्टेटस सिंबल बन चुका है और ये सब सिर्फ इसलिए है कि 18 अप्रैल 2008 में इस टूर्नामेंट को पहचान देने वाली पारी खेली गई बैंगलुरु के मैदान पर. मैक्कलम ने 216.43 के स्ट्राइक रेट से 13 छक्के और और 10 चौकों की मदद से 158 रन ठोंक दिए. इस शतक को आज भी तमाम फैंस और एक्सपर्ट्स आईपीएल के लिए गेम चेंजर मानते है. अजब संयोग है कि 8साल बाद मैक्कलम ने क्राइसचर्च के मैदान पर अपने अंतिम टेस्ट में भी वहीं काम किया जो उन्होने आईपीएल के पहले मैच में किया था. 20 फरवरी 2016 को अपना अंतिम टेस्ट खेलने उतरे ब्रैंडन मैक्कलम ने टेस्ट इतिहास की सबसे तेज सेंचुरी जड़ दी. ब्रेंडन मैकुलम ने सिर्फ 54 गेंद में शतक जड़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था. उन्होंने वेस्टइंडीज के सर विव रिचर्ड्स और पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक के 56 गेंदों में बनाए गए टेस्ट शतक का रिकॉर्ड तोड़ा था. आज तक कोई भी खिलाड़ी मैकुलम का यह रिकॉर्ड तोड़ नहीं पाया है. क्रिकेट के मैदान पर शतक तो बनते रहते है पर मेक्कलम के दोनों शतक ने वर्ल्ड क्रिकेट की सोच को बदल कर रख दिया.
मैक्कलम की बतौर कोच भी बदला सोच
इंग्लैंड का कोच बनने के बाद मैक्कलम ने अपनी बल्लेबाजी की छाप अपने कोचिंग में भी दिखाई और टेस्ट क्रिकेट में लेकर आए बेजबॉल. पिछले कुछ सालों में वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे ज्यादा चर्चा ‘बेजबॉल’ की हुई है, लेकिन इसके प्रेरणास्रोत इंग्लैंड टेस्ट टीम के कोच ब्रेंडन मैक्कुलम को इसके बारे में लगातार बातें करना हास्यास्पद लगता है.मैक्कुलम के उपनाम ‘Baz ’ से प्रेरित होकर ‘बेजबॉल’ नाम टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के बदले आक्रामक तेवरों से जुड़ा है. मैक्कुलम के कोच बनने के बाद से इंग्लैंड की टीम पूरी तरह से बदली हुई दिख रही है.मैक्कुलम ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इंग्लैंड के खिलाड़ी इस रवैये को बरकरार रखेंगे. यही वजह है कि यह हास्यास्पद विशेषण (बेजबॉल) जो लोग हमें दे रहे हैं, मुझे पसंद नहीं है. खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन पर काफी मेहनत की और इसके पीछे काफी गहराई से सोचा गया है. उन्होंने दबाव का खूबसूरती से सामना किया है. कुल मिलाकर एक बात तो साफ है कि मैक्कलम ने आईपीएल की पहचान को बनाने में बड़ा रोल निबाने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट को एक अलग तरीके से खेलने का रास्ता दिखाया जिसको लोग हमेशा याद रखेंगे.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 22, 2025, 12:21 IST
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