ब्रिटेन-अमेरिका से भी काफी आगे है भारत का ये गांव, शादी से पहले बच्चा पैदा करना जरुरी, वरना ढूंढ लो दूसरा पार्टनर

भारत में बीते सालों से लिव-इन का कांसेप्ट चर्चा में है. जहां आज भी कई लोग लिव-इन को गलत मानते हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके मुताबिक़, आज के मॉडर्न समय में रिलेशनशिप का ये तरीका काफी अच्छा है. भारत एक ऐसा देश है, जहां के लोग रीति-रिवाजों में काफी विश्वास रखते हैं. इस वजह से शादी जैसी संस्थान का यहां काफी महत्व है. हालांकि, भारत में अब ऐसा वर्ग भी आ गया है, जो शादी से पहले साथ रहने के कांसेप्ट यानी लिव-इन पर यकीन रखने लगा है.
भले ही आपको लगे कि लिव-इन का कॉन्सेप्ट मॉडर्न जमाने का है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में एक ऐसा गांव है, जहां के लोग कई सदियों से लिव-इन में रहते आ रहे हैं. इस जनजाति में शादी से पहले साथ रहना और बच्चे पैदा करना जरुरी है. अगर साथ रहते हुए बच्चा नहीं हो पाया तो वो अपने लिए दूसरे पार्टनर की तलाश करने लगते हैं. जो हां, हम बात कर रहे हैं समय से काफी आगे चलने वाले गरासिया जनजाति की.
पार्टनर बदलने की आजादीराजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले में गरासिया जनजाति के लोग बसते हैं. इसके अलावा ये गुजरात के कुछ हिस्सों में भी रहते हैं. इस समुदाय के लोग खेती कर जीवन-यापन करते हैं. भले ही आपको ऐसा लगे कि खेती करने वाले क्या ही मॉडर्न होंगे तो आपको बता दें कि भारत के कई बड़े शहरों में रहने वाली महिलाओं से अधिक आजादी इस जनजाति की महिलाओं को दी गई है. महिलाएं लिव इन पार्टनर के साथ रहती हैं और कभी भी अपना पार्टनर बदल सकती हैं. उनके ऊपर शादी का कोई प्रेशर नहीं होता.
पीछे छिपी है ऐसी कहानीगरासिया जनजाति की महिलाएं अपनी मर्जी से बिना शादी के लिव इन में रहती हैं. अगर साथ रहते हुए बच्चा पैदा हो गया तभी शादी करती हैं, वरना दूसरा मर्द ढूंढने लगती हैं. इस परंपरा के पीछे एक कहानी छिपी है. कहा जाता है कि गरासिया जनजाति के चार भाई थे. चारों में से तीन ने शादी की थी जबकि एक लिव इन में रहता था. जो लिव इन में रहा, सिर्फ उसकी ही संतान हुई. बाकी तीनों बिना बच्चे के ही रह गए. तब से गरासिया समुदाय में शादी के पहले बच्चे पैदा करना जरुरी हो गया.
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FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 10:33 IST